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अपने ज्ञान व अनुभव का उपयोग प्रकरणों के निराकरण में करें : चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मॉनिटरिंग एण्ड कौंसिलेशन प्रोजेक्ट कमेटी का गठन कर वर्ष 2015 में प्रथम मीडिएशन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसके बहुत अच्छे परिणाम देखने में आए। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा मीडिएशन रूल्स 2015 भी तैयार किया गया है।

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अपने ज्ञान व अनुभव का उपयोग प्रकरणों के निराकरण में करें : चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी

मीडिएशन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी

बिलासपुर. न्यायालयों में बढ़ते प्रकरणों की संख्या को देखते हुए ही मीडिएशन के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण के लिए यह तंत्र तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ हुआ। विशिष्ट अतिथि जस्टिस संजय अग्रवाल ने कहा कि पक्षकारों के मध्य लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए जिसमें पक्षकारों के बीच आसानी से समझौता कर उसका निराकरण किया जा सके। इस हेतु दो पक्षों के मध्य सुलह कराने हेतु मीडिएटर की आवश्यकता होगी। प्रशिक्षित मीडिएटरों के द्वारा पक्षकारों के मध्य विवादों को समझकर उनका विश्लेषण कर आपसी समझाइश से प्रकरणों के निराकरण किये जाने का प्रयास किया जाता है। इसलिए मीडिएटर को समुचित प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है।

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (State Legal Services Authority ) में अधिवक्ताओं एवं न्यायाधीशों के लिए आयोजित 40 घंटे की मीडिएशन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी ने उक्त विचार व्यक्त किए। यह प्रशिक्षण 13 जनवरी तक चलेगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से ही मीडिएटर को दो पक्षकारों के मध्य किस प्रकार मध्यस्थता कराया जाना है, यह सिखाया जाता है ताकि वे प्रकरण को अच्छी तरह समझ कर सरलता से निराकृत कर सकें। मीडिएटर को प्रकरण को मीडिएशन के माध्यम से निराकृत करते समय प्रकरण के सभी पहुलओं पर विचार करते हुए अपने ज्ञान, अनुभव एवं प्रशिक्षण का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक पति-पत्नी का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, लेकिन मध्यस्थता के माध्यम से सुलह हुआ।

मध्यस्थता से प्रकरणों का निराकरण सरलता से : जस्टिस गौतम भादुड़ी

प्रशिक्षण के शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कहा कि आज मानव तकनीकी रूप से विकसित होता जा रहा है, और इससे विवादों में भी वृद्धि हो रही है। सभी स्तरों पर मध्यस्थता केन्द्र पूर्व से संचालित हैं, पर उनमें उतनी संख्या में प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पाता है, जितना होना चाहिए। इसलिए यह ट्रेनिंग आवश्यक हो जाती है। निश्चित रूप से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ अधिक से अधिक प्राप्त होगा।

प्रशिक्षण में 42 प्रतिभागी शामिल

स्वागत भाषण बलराम प्रसाद वर्मा, सचिव कमेटी फॉर मानिटरिंग द मिडियेशन सेंटर द्वारा दिया गया। आभार प्रदर्शन आनंद प्रकाश वारियाल सदस्य सचिव तथा कामिनी जायसवाल अवर सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा किया गया। 40 घंटे के मिडिएशन प्रशिक्षण हेतु दिल्ली से वरिष्ठ प्रशिक्षक के रूप में राजेश गुप्ता, सुरेन्द्र सिंह तथा पोटेन्शियल ट्रेनर के रूप में झारखण्ड से शिवशंकर प्रसाद, अशोक कुमार राय, बरुन कुमार पाण्डेय, उत्तरप्रदेश से नीरज उपाध्याय उपस्थित हैं। प्रशिक्षण में कुल 42 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।