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अमित जोगी का वीडियो वायरल- मैं ठीक से उठ नहीं पा रहा हूं, ये मुझे दबाव में डिस्चार्ज करना चाहते हैं

अपोलो प्रबंधन पर जबरिया डिस्चार्ज करने का लगाया आरोप, मचा हड़कंप

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अमित जोगी का वीडियो वायरल- मैं ठीक से उठ नहीं पा रहा हूं, ये मुझे दबाव में डिस्चार्ज करना चाहते हैं

अमित जोगी का वीडियो वायरल- मैं ठीक से उठ नहीं पा रहा हूं, ये मुझे दबाव में डिस्चार्ज करना चाहते हैं

बिलासपुर. अपोलो अस्पताल में भर्ती अमित जोगी बेड पर लेटे-लेटे एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो के जारी होने के बाद हड़कंप की स्थिति है। अमित जोगी अपने वीडियो में कह रहे हैं कि मैं ठीक से जग नहीं पा रहा हूं, लगातार झपकी आ रही है इसके बाद भी ये लोग मुझे जबरदस्ती डिस्चार्ज करने में लगे हुए हैं।

जोगी ने मेडिकल बोर्ड से जांच करवाए जाने की मांग की है। इस वीडियो के आने के बाद हड़कंप की स्थिति है। कार्यकर्ताओं का कहना है सोमवार की दोपहर पुलिस बल भी अचानक अस्पताल पहुंच गया था। जोगी ने अपने वीडियो में कहा है कि आज सुबह से ही यूरिनल नहीं कर पा रहा हूं। जलन हो रही है। दवा को तीन गुना ज्यादा बढ़ा दिया है। ब्लड सैम्पल की चार दिन बाद रिपोर्ट आएगी।

सोडियम लेबल 138 है। जबकि 116 होना चाहिए। मैं ठीक से जाग नहीं पा रहा हूं। लगातार झपकी आ रही है। प्रशासनिक दबाव के कारण ये लोग मुझे मेरी इच्छा के विरुद्घ डिस्चार्ज कर रहे हैं। लीटिल जोगी ने इस वीडियो को मीडिया कर्मियों को भेजी है। इस वीडियो में अमित जोगी ने मुख्यमंत्री पर बदले की राजनीति करने और हाथ धोकर परिवार के पीछे पडऩे की आरोप लगाया है।

विदित हो कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेशअध्यक्ष व मरवाही के पूर्व विधायक पर विधानसभा चुनाव के समय जन्मतिथि और स्थान को लेकर गलत हलफनामा देने के आरोप में गौरेला पुलिस ने बिलासपुर स्थित उनके सरकारी आवास मरवाही सदन से गिरफ्तार कर गौरेला थाना ले गई थी। वहां से उनको निचली अदालत में पेश किया गया था। अमित ने इस दौरान जमानत का आवेदन भी लगाया था।

14 दिन की न्यायिक रिमांड
निचली अदालत ने जमानत आवेदन को खारिज करते हुए 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद अमित को गौरेला के उप जेल में रखा गया है। इसी बीच अमित ने एडीजे कोर्ट में जमानत आवेदन लगाया था। एडीजे कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई है। जमानत आवेदन खारिज होने के बाद रात में ही जेल में उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इलाज के लिए उनको गौरेला स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। इसके बाद फिर जेल भेजा गया था। दूसरे दिन अचानक सांस लेने में तकलीफ और ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने पर इलाज के लिए सिम्स लाया गया। सिम्स में तबीयत न सुधरने पर डॉक्टरों ने अपोलो अस्पताल रिफर कर दिया। अपोलो में बीते तीन दिनों से उनका इलाज चल रहा है।

लगाया ये आरोप
अमित जोगी ने वीडियो ने कहा कि सोमवार को दोपहर डेढ़ पौने दो बजे के बीच अपोलो प्रबंधन द्वारा डिस्चार्ज करने की सुगबुगाहट लगी। अमित ने अपोलो प्रबंधन से बात की । इससे भनक लग गई कि उनको जबरिया डिस्चार्ज करने की तैयार की जा रही है।

मेरे परिवार के पीछे हाथ धो कर पड़े भूपेश
जोगी ने अपने वीडियो में कहा कि कभी आपने सुना है कि रिपार्ट आई नहीं है और मरीज को बोला जा रहा है कि अभी आप चले जाइए रिपोर्ट आने के बाद देख लेंगे। प्रशासनिक दबाव के कारण जबरिया मुझे डिस्चार्ज कराया जा रहा है। ब्लड प्रेशर 130-90 है। मैं जागते रहता था, दवाई इतनी बढ़ा दी है कि मैं लगातार सो रहा हूंं। मुझे उठाना पड़ रहा है। जो भी हो रहा है यह अनुचित है। बदले की भावना की एक सीमा होती है। भूपेश बघेल मेरे परिवार के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं। कोर्ट चाहे तो मेडिकल बोर्ड से जाचं करा लें। मुझे हेपेटाइटिस बी है। इसकी अभी तक जांच नहीं की है और डिस्चार्ज करने की बात कह रहे हैं।

अमित का इलाज करने वाले डॉक्टर लगातार उनकी देखरेख कर रहे हैं। अपनी रिपोर्ट देख रहे हैं। उनको लगता है कि मरीज की हालत ठीक है तो वे डिस्चार्ज कर सकते हैं। फिलहाल डिस्चार्ज की समरी नहीं आई है। अस्पताल प्रबंधन पर किसी तरह का दबाव नहीं है। आरोप निराधार है।
देवेश गोपाल, जनसंपर्क अधिकारी, अपोलो

अजीत जोगी ने एफआईआर पर रोक के लिए लगाई याचिका
बिलासपुर. पूर्व मुख्यमंत्री व मरवाही विधायक अजीत जोगी ने बिलासपुर जिले के दो थानों में दर्ज एफआईआर को रद्द किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में रिट याचिका लगाई है। याचिका में दलील दी गई है कि प्रकरण 2013 में प्रभावी हुए एक्ट के तहत दर्ज किया गया है, जबकि जाति प्रमाण पत्र 1967 में जारी हुआ है, जब ये एक्ट अस्तित्व में ही नहीं था। लिहाजा 2013 एक्ट के तहत एफआईआर विधि विरुद्ध है, इसे रद्द किया जाए।

ज्ञात हो कि जोगी के खिलाफ एक मामला सिविल लाइंस थाने का है, जिसमें बिलासपुर कलेक्टर की ओर से तहसीलदार ने जुर्म दर्ज कराई है। इस प्रकरण में उन पर 2013 में प्रभावी एक्ट की धारा 10 के तहत अपराध दर्ज कर जांच की जा रही है।