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Bilaspur : ये कैसा मतदाता पुनरीक्षण, हर भाग में 15 से अधिक मृतकों के नाम हैं शामिल

CG Election 2023 : अधिकारियों ने इसका मुख्य कारण परिजनों द्वारा सूचना नहीं देने और पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान फार्म नहीं भरने को बताया है।

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बिलासपुर. मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम खत्म होने के बाद अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन हो गया है। विधानसभा वार मतदाताओं के आंकड़े भी सार्वजनिक कर दिए गए हैं, लेकिन पुनरीक्षण कार्यक्रम के बाद विधानसभा क्षेत्र की भाग संख्याओं में 15 से अधिक ऐसे मतदाता हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी हैं। यह स्थिति सभी विधानसभा क्षेत्रों में है। अधिकारियों ने इसका मुख्य कारण परिजनों द्वारा सूचना नहीं देने और पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान फार्म नहीं भरने को बताया है।

विधानसभा चुनाव के पहले नियम के तहत मतदाता सूची में नाम जोडऩे के साथ, मृत मतदाताओं के नाम विलोपित करने, नाम, पता सुधार समेत नए मतदाताओं के नाम शामिल करने के लिए अभियान चलाया जाता है। यह काम चुनाव आयोग के निर्देश पर होते हैं। बिलासपुर जिले में भी यह काम चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले किया गया था। दो बार पुनरीक्षण कार्यकम चलाए गए , जिसमें 50,311 नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं। इनमें से 7289 मतदाताओं के नाम विलोपित किए जाने की दावे किए गए हैं, लेकिन विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्येक भाग संख्या में 15-20 ऐसे मतदाता हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है। इन नामों को हटाने का काम प्रक्रिया के तहत होना था, लेकिन मतदाता पुनरीक्षण और सर्वे करने वाले कर्मचारियों ने ऐसा नहीं किया और न ही अधिकारियों ने इसकी मॉनिटरिंग की।

कई परिजन ऐसे, जिन्होंने सूचना नहीं दी

सूत्रों के अनुसार मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान जिनकी मृत्यु हो गई है उनके नाम विलोपित करने के लिए परिजनों को फार्म नंबर 7 भरकर जमा करना था, लेकिन कई परिजन ऐसे थे जिन्होंने फार्म नहीं भरा और न ही सूचना दी।इस कारण नाम मतदाता सूची से विलोपित नहीं हो पाए।

वार्डों और पंचायतों में जितने मतदाता नहीं, उससे ज्यादा संख्या सूची में
जिले के विधानसभा क्षेत्र की कई पंचायतों और नगरीय निकाय क्षेत्र ऐसे हैं जहां वर्तमान में जितने मतदाता हैं उससे अधिक मतदाता सूची में हैं। इनमें मृत्यु होने वालों के साथ-साथ दूसरे शहर चले जाने वाले मतदाता भी शामिल हैं जो पिछले 3-4 पंचवर्षीय चुनावों से मतदान करने नहीं आए हैं।

15 वर्षों से शहर का यही हाल
&मतदाता सूची से मृत और शहर छोडकऱ जाने वालों की सूचना लिखित में पिछले 15 वर्षों से दी जा रही है, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी इस पर काम नहीं करते। बीते 15 वर्षों से कई लोगों के नाम ऐसे हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
दुर्गा सोनी, पार्षद, वार्ड नम्बर- 34
नहीं हटाते नाम
&मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान लोगों को नाम विलोपित किए जाने वालों की जानकारी देने घर-घर सूचना दी गई थी। साथ ही फार्म भी भरे गए हैं, लेकिन मतदाता सूची से उनके नाम हटाए ही नहीं गए हैं।
श्रद्धा जैन, पार्षद वार्ड-16
&मृत व्यक्तियों के नाम विलोपित करने के लिए परिजनों को निर्धारित फार्म भरकर हस्ताक्षर कर देना जरूरी है। इसके बाद ही नाम मतदाता सूची से विलोपित होते हैं।
आरए कुरुवंशी, एडीएम

ईमानदारी से काम नहीं
&मतदाता सूची में नाम जोडऩे के साथ हटाने का काम करने वाले ईमानदारी से अपना काम कर लेते तो मतदाता सूची में मृत व्यक्तियों के नाम शामिल नहीं होते। लिखित में मृत व्यक्तियों की जानकारी अधिकारी और कर्मचारियों को दी गई थी, इसके बाद भी उन्होंने नाम विलोपित नहीं किए।
शेख नजीरुद्दीन, सभापति, नगर निगम, बिलासपुर