बिलासपुर. जहां हरा भरा क्षेत्र है,3 किलो मीटर दूर तक उद्योग नहीं और भारी वाहनों के गुजरने पर पाबंदी है । ऐसे स्मार्ट रोड के पास शहर के वायु गुणवत्ता प्रदूषण जांच केन्द्र की स्थापना की गई है। यह एनटीपीसी के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण विभाग ने लगवाया है। नियम के तहत शहर के वायु की गुणवत्ता जांच के लिए चारों दिशाओं में जांच केन्द्र होने चाहिए, लेकिन एकमात्र जांच केन्द्र में अब ताला लटक रहा है।
शहर में वायु प्रदूषण का स्तर जांचने के लिए पर्यावरण संरक्षण विभाग ने आज तक पहल नहीं की है। प्रदेश के दूसरा बड़ा शहर होने के साथ-साथ नगर निगम सीमा क्षेत्र में कई उद्योग स्थापित हैं, जहां से हर दिन कार्बन वातावरण में घुल रहा है। शहर के तिफरा, धुमा, सिलपहरी, सिरगिट्टी समेत कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां बड़े बड़े कारखाने हैं। इसके साथ ही सरकंडा सीपत रोड, लिंक रोड, रायपुर रोड से प्रतिदिन शहर में भारी वाहनों का आना जाना लगा रहता है। वाहनों से निकलने वाला धुंआ और जर्जर सड़कों से उड़ने वाला गुबार लगातार वायु को प्रदूषित कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण विभाग ने शहर की वायु गुणवत्ता की जांच करने के लिए एकमात्र वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र की स्थापना संजय तरण पुष्कर परिसर में एनटीपीसी के सहयोग से लगवाई है। यह क्षेत्र हरा भरा होने के साथ-साथ इसके चारों ओर 3 किलो मीटर के दायरे में एक भी उद्योग नहीं हैं। स्मार्ट रोड के बाजू में होने के कारण यहां से भारी वाहनों का आना जाना भी नहीं होता। मजे की बात यह है कि इस क्षेत्र में जर्जर सड़क की बजाए चकाचक सड़क है जिससे क्षेत्र में धूल उड़ने की संभावना ही नहीं है। ऐसे में शहर की आबोहवा सर्वसुविधायुक्त होने का दावा करने में विभाग नहीं चूक रहा है।
सिरगिट्टी, तिफरा, तोरवा और सरकंडा में लगना चाहिए जांच केन्द्र
नियम के तहत दूसरे प्रदेशों के शहरों में शहरों के चारों दिशाओं में वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र खोले गए हैं। यहां से मिलने वाली प्रतिदिन की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट की समीक्षा की जाती है। जिन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण बढ़ता है वहां पर्यावरण संरक्षण विभाग व्यवथा दुरूस्त करने का काम शुरू करता है, लेकिन शहर में ऐसा नहीं है। नियम के तहत शहर के सिरगिट्टी, तिफरा, तोरवा और सरकंडा में जांच केन्द्र होने चाहिए, ताकि पूरे शहर के वायु गुणवत्ता की जांच हर दिन मिल सके।
नहीं करते एक्यूआई रिपोर्ट सार्वजिनक
नियम के तहत जहां प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापित किया जाता है वहां बड़ी स्क्रीन लगातर हर 1 घंटे में शहर की एक्यूआई रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के नियम हैं। संजय तरण पुष्कर में लगे जांच केन्द्र में इसकी भी व्यवस्था नहीं है। अधिकारी शहर की एक्यूआई रिपोर्ट भी लोगों को बताना नहीं चाहते।
प्रदूषण को खुला बढ़ावा
एक जगह की रिपोर्ट को बता रहे पूरे शहर की रिपोर्ट पर्यावरण अधिकारी शहर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने के बजाए खुलेआम बढ़ावा दे रहे हैं।इसका सबसे बड़ा कारण है शहर में एकमात्र जांच केन्द्र होने और यहां से हर तीन दिन में मिलने वाली रिपोर्ट को पूरे शहर की एक्यूआई रिपोर्ट बताकर जानकारी रायपुर भेज रहे हैं। यही जानकारी केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड को भेजी जा रही है। शहर के जिन क्षेत्रों में उद्योग स्थापित हैं वहां लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसे रोकने के बजाए अधिकारी बढ़ावा दे रहे हैं।
शहर में कम से कम दो वायु गुणवत्ता जांच होनी चाहिए। बिलासपुर में कितने केन्द्र है इसकी जानकारी नहीं है। मैं अभी बाहर हूं। इसकी जानकारी लेकर ही बता पाउंगा।
सुब्रत साहू चेयरमैन
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड