
Now there is no caste system like before, so those who are converting religion should not get the benefit of reservation- schedule caste commission chairman- kp khande
बिलासपुर. हम तो कहेंगे कि यह बिल्कुल सही है कि जो अपनी जाति को छोड़कर दूसरा धर्म बदलता है, चाहे लालच में हो, प्रलोभन में हो चाहे वो प्रताडऩा में हो उसको आरक्षण की सुविधा नहीं मिलनी चाहिए। अलग चीज है कि कुछ नोटिफाइड एरिया हंै जैसे आदिवासी क्षेत्र जशपुर या जो भी है... वहां तो उनको अधिकार मिल रहा है, जाति बदलने के बाद भी, धर्म बदलने के बाद भी लेकिन हमारे यहां अनुसूचित जाति के लेागों के लिए यह व्यवस्था नहीं है, हम खुद भी इसको स्वीकार नहीं करते हैं। पहले जो स्थिति थी वो अलग थी, आज की स्थिति में यदि कोई प्रलोभन और लालच में धर्म परिवर्तन करता है तो हम उसके पक्ष में नहीं हैं कि उसे लाभ मिलना चाहिए। अब वो गरीबी नहीं रह गई, वर्ण नीति व्यवस्था उस प्रकार की नहीं रह गई है, छुआछूत की, भेदभाव की भावना नहीं रह गई है ऐसे में जो लालच में धर्म परिवर्तन कर रहे हैं उन्हें लाभ नहीं मिले। ये बातें शनिवार को बिलासपुर पहुंचे प्रदेश अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष केपी खांडे ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।
वहीं प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को दूसरे प्रदेशों में पलायन पर अध्यक्ष खांडे ने कहा कि दूसरे प्रदेश में हर दिन काम मिलता है इसलिए इस जाति के लोग छत्तीसगढ़ से पलायन कर रहे हैं।
अपराध पर बोले खांडे
यह अशिक्षा के कारण होता है। अनुसूचित जाति वर्ग का कोई व्यक्ति पद पर होता है तो उसके साथ कभी ऐसा नहीं होता, लेकिन सामान्य स्थिति में उसे प्रताडऩा, अत्याचार और अपमानित होना पड़ता है। प्रताडि़त करने वाला और प्रताडि़त होने वाले दोनों में शिक्षा का अभाव होता है तभी यह स्थिति बनती है। पुरानी व्यवस्था में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन आज भी वर्ण व्यवस्था का प्रभाव है तभी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में जाति वर्ग के अनुसार क्षेत्रों को जाति में पारा जोड़कर क्षेत्र का नामकरण किया जा रहा है। इसे दूर करने के लिए आयोग ऐसे लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों का ज्ञान कराएगा।
जांच के बाद कार्रवाई होनी चाहिए
एसटी एससी एक्ट के मामलों में जांच संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के सवाल पर अध्यक्ष खांडे ने कहा कि कोर्ट ने सही आदेश दिया है। दहेज प्रताडऩा के मामलों में पहले जांच करने और मामला सहीं पाए जाने पर कार्रवाई की जा रही है। ठीक वैसे ही एसटीएससी एक्ट के मामले में भी जांच के बाद ही कार्रवाई होनी चाहिए। एक्ट में अब सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को गवाह रखना भी जरूरी है। ताकि शिकायत और मामलों को निष्पक्ष जांच हो सके।
Published on:
13 Nov 2022 01:57 am
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