
भवन निर्माण कार्य के दौरान करंट से श्रमिक की मौत, 25 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में निर्माण कार्य के दौरान करंट लगने से मृत भवन निर्माण श्रमिक के मामले में हाईकोर्ट ने मृतक के परिवार को राहत दी है। एडीजे प्रथम श्रेणी बिलासपुर ने 25 लाख का मुआवजा मृतक के परिजनों को देने का आदेश दिया था। डिवीजन बेंच ने सत्र न्यायालय का निर्णय बरकरार रखा है।
जानकारी के अनुसार 24 जुलाई 2018 को स्थानीय तोरवा निवासी विजय सिदारा ने श्रमिक राजेंद्र को अपने यहां भवन निर्माण कार्य के लिए बुलाया था। वह स्टील टेप से छत की लंबाई और चौड़ाई माप रहा था, तभी हाईटेंशन बिजली तार के संपर्क में आ गया।
बिजली के झटके के कारण बेहोश होने पर उसे इलाज के लिए सिस ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। राजेन्द्र के परिजनों ने मुआवजे के लिए मुकदमा दायर किया। सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने 25 लाख रुपये मुआवजे की डिक्री पारित की।
भवन मालिक विजय सिदारा को मुआवजे की किस्त 8,86,000 रुपए का भुगतान श्रमिक परिवार के पक्ष में दो महीने की अवधि के भीतर करने का आदेश दिया। ऐसा न करने पर 6 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करने का निर्देश दिया। इस आदेश के खिलाफ विजय सिदारा ने हाईकोर्ट में अपील की। जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डीबी में सुनवाई हुई।
प्रतिवादियों के अधिवक्ता ने ट्रायल कोर्ट के निर्णय का समर्थन कर कहा कि साक्ष्य, अभिलेख पर सामग्री का समुचित मूल्यांकन करने के पश्चात परीक्षण न्यायालय ने सभी मुद्दों पर स्पष्ट निष्कर्ष दिया है। अपीलकर्ता के वकील ने दलील दी कि मृतक राजेंद्र साहू बिल्डिंग का माप लेते समय लापरवाही की, जिससे वह बिजली तार के संपर्क में आया। भवन मालिक की ओर से कोई लापरवाही नहीं की गई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपील खारिज कर सेशन कोर्ट के आदेश की पुष्टि की।
Updated on:
27 May 2025 02:14 pm
Published on:
27 May 2025 02:13 pm
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