पुलिस के अनुसार मतदान केन्द्र में मोबाइल से वोटिंग करने के दौरान फोटो खींच कर कुछ लोग सोशल मीडिया में वायरल कर रहे थे। सोशल मीडिया पर ईवीएम व वीवीपैट मशीन में दिखाई देने वाली स्लीप की फोटो देख प्रशासन के कान खड़े हो गए। आनन-फानन में जिला चुनाव निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक व उनकी टीम वायरल पोस्ट की डीटेल खंगालने में लग गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदान की गोपनीयता भंग करने व राजनीतिक पार्टी के लिए वोट की अपील करना माना जाता है। नोडल अधिकारी की शिकायत पर प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर इंस्ट्राग्राम यूआरएल यूजर, फेसबुक व अन्य माध्यम से प्राप्त यूआरएल के माध्यम से पहचान कर लगभग 15 यूजर के खिलाफ धारा 128, 130 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 व धारा 171 (ग) के तहत सिविल लाइन पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर सिविल लाइन थाने में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत अपराध दर्ज किया गया है। मामले में आगे उचित कार्रवाई की जाएगी।