आयुष्मान खुराना ने बताया कि सिनेमा के जरिए में भारत में टैबू यानी वर्जित चीजों से जुड़ी बातचीत को नार्मल बनाने की कोशिश करता रहा हूं। उन्होंने डेब्यू फिल्म विकी डोनर से लेकर अब तक की चुनी गई फिल्मों में बदलाव की जरूरत को लेकर समाज के साथ रचनात्मक बातचीत शुरू करने का प्रयास किया है।
उन्होंने बताया कि मैंने गहराई से महसूस किया कि सिनेमा के माध्यम से हम नजरअंदाज किए जा रहे महत्वपूर्ण विषयों की ओर नजर दौड़ाने का आग्रह अपने समाज से कर सकते हैं। हमारा देश शर्मीला था अब भी है और इसकी अपनी खूबसूरती भी है। लेकिन जिस तरह से मेरे देशवासियों ने सिनेमा का मेरा वाला स्टाइल सर आंखों पर बिठाया है। अभिनेता ने एक के बाद एक आठ सुपरहिट फिल्में दी है। उनकी प्रोग्रेसिव और आगे की सोच रखने वाली सोशल एंटरटेनर फिल्मों को दर्शकों का बहुत प्यार मिला है।