आज हम आपको उनका वो किस्सा बता रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके मरने के बाद उनकी अंतिम यात्रा में फिल्मी दुनिया और मीडिया से कोई शख्स शामिल न हो। आखिर राजकुमार ने ऐसा क्यों कहा था आइये जानते हैं।
मजाक नहीं बनाना चाहते थे राजकुमार की इस बात के बारे में उनकी ‘तिरंगा’ फिल्म के निर्देशक मेहुल कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया था। उनका कहना था कि राजकुमार नहीं चाहते कि उनकी अंतिम यात्रा एक मजाक बन जाए।
मेहुल कुमार ने बताया था कि एक बार राजकुमार मेहुल की फिल्म, ‘मरते दम तक’ में अपनी मौत का सीन फिल्मा रहे थे। जिसमें जब ‘उनकी अंतिम यात्रा निकालने के लिए उन्हें गाड़ी में सुलाया गया और मैंने जब एक फूल माला उन्हें पहनाई। तब राजकुमार ने कहा कि जानी अभी पहना लो हार, जब जाएंगे तो आपको पता भी नहीं चलेगा कि हम कब गए।
तमाशा बना दिया जाता है उस समय तो मैंने कुछ ज्यादा रिएक्ट नहीं किया, लेकिन शूटिंग खत्म हुई तो रात को मैंने उनसे पूछा था कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा। इसके जबाव में राजकुमार ने कहा था कि जानी हमारी अंतिम यात्रा को लोग तमाशा बना देंगे। अच्छे- अच्छे सफेद कपड़े पहनकर आएंगे, फिर मीडिया वाले भी इतने आते हैं कि एक मरे हुए आदमी को रिस्पेक्ट देने के बजाए, उसे एक मजाक, तमाशा बना दिया जाता है। मेरी अंतिम यात्रा में मेरे परिवार के सिवा कोई नहीं होगा।
आज भी नहीं इस बात की खबर मेहुल कुमार ने बताया कि राजकुमार की मौत के बाद ऐसा ही किया गया। उनकी अंतिम यात्रा नहीं निकाली गई थी। उनका अंतिम संस्कार कैसे और कहां हुआ, आज तक इस बात की भी किसी को खबर नहीं। आपको बता दें कि राज कुमार ने 3 जुलाई 1996 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।