कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के बीच चावल की खेती के लिए जूही ने बंटाई पर या कृषक के तौर पर दूसरों के खेत में काम करने वाले भूमिहीन किसानों को अपने वाडा फार्महाउस में आकर काम करने का आमंत्रण दिया है।
लॉकडाउन (Lock D) के कारण बेरोजगार हुए प्रवासी मजदूरों के लिए पूरे देश से मदद के हाथ उठ रहे हैं। लेकिन इस बीच किसानों को केवल सरकार के भरोसे छोड़ दिया गया है। ऐसे में जूही चावला ने भूमिहीन किसानों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के बीच चावल की खेती के लिए जूही ने बंटाई पर या कृषक के तौर पर दूसरों के खेत में काम करने वाले भूमिहीन किसानों को अपने वाडा फार्महाउस में आकर काम करने का आमंत्रण दिया है। अदाकारी से ब्रेक लेने के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाली जूही ने ऐसे जरुरतमंद किसानों की मदद के लिए मुंबई के बाहरी इलाके में अपने फार्महाउस के द्वार खोल दिए हैं। इतना ही नहीं वे ऐसे किसानों को राशन और आश्रय देने पर भी विचार कर रही हैं।
एक पर्यावरण कार्यकर्ता (Eanvironmentalist) होने के नाते उन्होंने अपने फार्म हाउस पर बोरवेल का कम से कम उपयोग करने, सूख चुके कुंओं को पुनर्जीवित करने, ज्यादा से ज्यादा फलों के पेड़ लगाने, बिना केतिमकल का उपयोग किए सब्जियां उगाने जैसे निर्देश दे रखे हैं। लॉकडाउन में जरुरतमंदों की मदद करने वाली बॉलीवुड सेलिब्रिटी की सूची में जूही हाल ही जुड़ी हैं। इस बीच जिन किसानोंनेउनसे संपर्ककिया जूही ने उन्हें अपने मांडवा और वाडा फॉर्म हाउस पर काम और आश्रय प्रदान किया है।
हिस्सा भी देंगी किसानों को
जूही ने बताया कि किसान मिट्टी को समझते हैं इसलिए उनके लिए यह काम बहुत आसान होगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसान अपने परिवार के लिए उगने वाले चावल का एक हिस्सा रख सकते हैं। चूंकि हम लॉकडाउन में हैं, इसलिए मैंने भूमिहीन किसानों को खेती करने के लिए अपनी जमीन देने का फैसला किया है। हम उन्हें इस मौसम में चावल की खेती करने दे रहे हैं और बदले में अपने लिए उपज का एक छोटा हिस्सा ही लेंगे। लॉकडाउन के बीच किसानों के लिए उनका फार्महाउस एक आश्रय स्थल बन सकता है। ये फार्महाउस जूही के पिता ने २० साल पहले खरीदे थे। ये दोनों खेत मुंबई के बाहरी इलाके में वैतरणी नदी के किनारे मौजूद हैं।