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विश्व शाकाहारी दिवस पर ऐ मेरे हमसफर के कलाकारों ने शेयर किए अपने विचार

locationमुंबईPublished: Oct 01, 2020 04:05:22 pm

Submitted by:

Subodh Tripathi

विश्व शाकाहारी दिवस पर ऐ मेरे हमसफर के कलाकारों ने शेयर किए अपने विचार

 शाकाहारी

शाकाहारी

अक्टूबर माह शाकाहारियों का महीना है, अक्टूबर के प्रथम दिन को विश्व शाकाहारी दिवस के रूप में मनाया जाता है। लोगों को स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल रहने के विकल्प के साथ शाकाहारी बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन यह भी प्रचलन में वापस आ रहा है। एक संतुलित जीवन शैली चुनते हुए दंगल टीवी के ऐ मेरे हमसफर शो के कलाकारों ने अपने विचारों को शेयर किया है।
शो की प्रमुख अभिनेत्री टीना फिलिप ने विधि की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, एक साल हो गया है मैंने शाकाहारी बनने का विकल्प चुना है, शाकाहारी बनने के लिए जानवरों की दुर्दशा सबसे बड़ी वजह थी। मैं अंदर से बहुत हल्का और अच्छा महसूस करती हूं। शाकाहारी भोजन संतृप्त वसा में स्वाभाविक रूप से कम जाना जाता है। क्योंकि उनके पास पौधों के पोषक तत्वों का अधिक सेवन होता है। इसके अलावा 12 वर्षीय ऑक्सफ़ोर्ड अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि मांसहारियों की तुलना में शाकाहारी 6 साल अधिक जीवित रहते हैं। मेरा मानना है कि एक शाकाहारी आहार पुरानी बीमारियों को रोक सकता है। जो लंबे जीवन काल में मदद करेगा। मेरे कुछ पसंदीदा शाकाहारी व्यंजनों में पालक पनीर, न्यूट्रेला सोया और दाल मखनी शामिल है।
इसी शो में नीलू वाघेला उर्फ प्रतिभा देवी कहती है मुझे शाकाहारी बने हुए कई साल हो चुके हैं। एक स्वस्थ जीवन, जानवरों के प्रति दया और उन्हें खाने के लिए नैतिक विरोध मेरे लिए शाकाहार चुनने के कुछ मूल कारण है। इस जीवन शैली को चुनने से मुझे फिट रहने और अपने प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद मिली है। कम वसा वाले, उच्च फाइबर वाले शाकाहारी आहार कुछ अतिरिक्त वजन को कम करने और स्वस्थ जीवन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। मेरे सबसे पसंदीदा शाकाहारी व्यंजन राजस्थानी दाल बाटी और लहसुन की चटनी, बेसन गट्टे की सब्जी कढ़ी पकोड़े है।
इसी प्रकार शो की अभिनेत्री ऋषिना कंधारी ने भी अपनी विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने बताया कि मैं बचपन में नॉन वेज खा चुकी हूं ।लेकिन कभी भी मांसाहारी भोजन की प्रशंसक नहीं रही हूं । मुझे लगता है कि यह एक व्यक्ति के आध्यात्मिक बुद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि जो लोग वास्तव में ईश्वर से जुड़े हैं वे सभी प्राणियों के लिए प्यार महसूस करते हैं। एक शाकाहारी जीवनशैली हमारी करुणा की भावना को जागृत करती है और एक दयालु भद्र समाज की और हमारा मार्गदर्शन करती है ।जिसमें हम जानवरों की रक्षा के लिए एक नैतिक विकल्प का प्रयोग करते हैं।
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