साथ में समय बिताना
ये बात तो हर कोई जानता है कि हर बिज़ी मॉम्स के साथ सबसे बड़ी दिक्कत तब होती है जब वह काम के साथ अपने परिवार और खासतौर से बच्चों को प्यार व पूरा अटेंशन नही दे पाती। ऐसे में बच्चों को अपने साथ रखने समय बिताने का मौका मिल जाता है। उन्हें अपने काम के साथ कुछ दूसरी चीजो को भी सीखने का मौका मिलता है। जो बच्चा घर के अंदर बंद रहकर नही सीख सकता।
बच्चा नहीं रहेगा अकेला
मां के दूसरे पक्ष से परिचित होना
अक्सर एश्वर्या अपनी बेटी अराध्या को अपने साथ इसलिए भी रखती है जिससे वो दूसरों के नेचर से भी वाकिफ हो। बाहर निकलकर बच्चा दूसरे पक्ष से भी परिचित होता है। उनके माहौल में उनके पहनावे से लेकर बातचीत करने तक का तरीका बच्चों को देखने को मिलता है। इसके साथ ही बच्चे को अपनी मां के नेचर के साथ इससे उसे दोनों माहौल के बीच भी फर्क करने में मदद मिलेगी और वह जगह के अनुसार अपने व्यवहार का ढालना सीखेगा।
चीजों और लोगों के नेचर के बारे में सीखना
यह बात भी सच है कि जब एक्ट्रेस अपने बच्चे को साथ रखती है तो वह पर रहकर लोगों के अलग-अलग नेचर को देखता और उसे दूसरों को समझने और बात करने के लहज़े के बारे में सीखने का भी मौका मिलता है।
बच्चे अपने से बड़ों को देखकर और आसपास मौजूद चीजों से काफी कुछ सीखते हैं। यह उनके डेवलपमेंट के लिए अच्छा है।