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अमिताभ के कारण बदला गया था राष्ट्रपति भवन का ये नियम

locationनई दिल्लीPublished: Nov 10, 2021 01:40:50 pm

Submitted by:

Satyam Singhai

बॉलीवुड अमिताभ बच्चन के लाखों मुरीद में हैं। उन्होनें लगभग पांच दशकों में बॉलीवुड की सैकड़ो फिल्मों में काम किया। आज भी वह कई भूमिकाओँ में नजर आते हैं। लेकिन इस अभिनय के सफर के दौरान अमिताभ राजनीतिक गलियों से गुजरे थे। तो आइए देखतें हैं कि क्या कारण थे कि उनकी वजह से राष्ट्रपति भवन के नियम बदल दिये गये।

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अमिताभ के कारण बदला गया था राष्ट्रपति भवन का ये नियम

अभिनय की दुनिया के शिखर पर पहुंचने से पहले इस महानायक को भी संघर्ष के मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा। उनके संघर्षों की कहानियां आज छुपी हुई नहीं हैं। एक बार जब वह आकाशवाणी केन्द्र में काम मांगने पहुंचे तो उनकी आवाज के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया।
ऐसे ही एक फिल्म निर्माता ने उन्हें उनकी लंबे कद के चलते फिल्मों में लेने से इंकार कर दिया था। लेकिन ये नहीं जानते थे कि यही आवाज बॉलीवुड में दशकों तक गूंजती रहेगी। यहीं लंबे कद का व्यक्ति अभिनय की नई ऊंचाइयों को छू लेगा।
साल 1969 में अभिनेता अमिताभ बच्चन ने फिल्मों में डेब्यू किया था। उन्होंने 1969 में मृणाल सेन की नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म ‘भुवन शोम’ से एक वॉइस नरेटर के तौर पर शुरुआत की थी। 70 के दशक में अमिताभ बच्चन ने जबरदस्त स्टारडम बटोरा और इसी दौरान वह ‘एंग्री यंग मैन’ के नाम से मशहूर हुए।
आज हम बात कर रहे हैं अमिताभ बच्चन के कहने के कारण राष्ट्रपति भवन द्वारा बनाए गए नियम को उनकी एक बात के कारण बदल दिया। इलाहाबाद के लोकसभा चुनाव का यह चुनाव 1984 में हुआ था। उस समय राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद से चुनाव लड़ा ।
जैसा कि हम जानते हैं कि अमिताभ बच्चन इलाहाबाद के रहने वाले हैं। उनकी लोकप्रियता और स्टारडम को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अमिताभ बच्चन को इलाहाबाद से राजनीतिक मैदान में उतारा था। अमिताभ बच्चन के सामने चुनाव लड़ने वाले हेमंवती बहुगुणा थे। उस समय हेमवती बहुगुणा को हराना आसान नहीं था, लेकिन अमिताभ बच्चन उस चुनाव में लगभग 2 लाख मतों से जीत हासिल की।
इलाहाबाद जीत के बाद अमिताभ संसद भवन में जब राष्ट्रपति के साथ खाना खा रहे थे तो उन्होंने थाली के ऊपर “अशोक स्तंभ” का प्रतीक बना देख, उन्हें उस थाली में खाना खाने में अशोक स्तंभ का अपमान लगा।
इसके बाद उन्होंने कुछ समय बाद सभी सदस्यों की सहमति से एक नया कानून बनाकर सभी थालियां से अशोक स्तंभ के प्रतीक को हटाने का फैसला किया। हालांकि अमिताभ बच्चन का राजनैतिक करियर ज्यादा दिनों तक नहीं चला। बाद में उन्होंनें राजनीति छोड़कर वापस सिनेमा जगत में लौटने का निर्णय किया।

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