12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एक्टिंग का चलता फिरता स्कूल है नसीरुद्दीन शाह! जान लें यह अनजानी बातें! हैरान रह जाएंगे आप

नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई 1949 को बाराबंकी में हुआ था। वह फिल्म और मंच के जाने माने कलाकार और निर्देशक हैं।

2 min read
Google source verification

image

Amit Kumar Singh

Jul 16, 2018

naseeruddin

naseeruddin

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का नाम सामानान्तर सिनेमा को एक नई पहचान देने के लिए आता है। एक्टिंग का वास्तव मतलब उनके द्वारा ही आज की उस युवा पीढ़ी समझ सकते हैं। जो कला की इस दुनिया में आने के लिए कभी खुद काफी लालालियत रहा था।

न्यूयॉर्क में सुहाना खान ने मां गौरा खान के साथ दिया जबरदस्त पोज, दिखीं इस अंदाज में

नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई 1949 को बाराबंकी में हुआ था। वह फिल्म और मंच के जाने माने कलाकार और निर्देशक हैं। वह अपने किरदार में ऐसे रम जाते हैं कि जैसे की वह उनकी ज़िन्दगी से जुड़ गए हों। उनकी इसी खासियत को देखते हुए उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान से नवाजा जा चुका है।

उर्वशी ढोलकिया ने पूल में दिए हॉट पोज, 23 साल के जुड़वा बच्चों की हैं मां

नसीरुद्दीन ने अलीगढ मुस्लिम विवि से शिक्षा ग्रहण की और फिर दिल्ली नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में एडमिशन ले लिया। होश सँभालते ही उनके दिल और दिमाग में एक्टिंग का कीड़ा कौंधने लगा जिसको पूरा करने के लिए वह दिल्ली पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने मुंबई का जो सफर तय किया वहां तक कोई न पहुंच सका। हालांकि उनका सामना अमिताभ, राजेश खन्ना और अन्य अभिनेताओं से हुआ मगर उन सभी चार्मिंग बॉलीवुड एक्टर के बीच उन्होंने अपनी अलग पहचान बना ली।

दुबई के एक मॉल में सलमान दिखें यूं तन्हाई के आलम में, वीडियो हुआ वायरल

नसीरुद्दीन शाह ने अपने से 13 साल छोटी एक्ट्रेस रत्ना पाठक से शादी की। दोनों की लव स्टोरी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। रत्ना और नसीर की पहली मुलाकात 1975 में जूस की दुकान पर हुई थी। तब रत्ना पाठक शाह कॉलेज स्टूडेंट थीं और नसीरुद्दीन शाह FTII से एक्टिंग में ग्रेजुएशन कर रहे थे। रत्ना और नसीरुद्दीन दोनों थिएटर से जुड़े थे ।सत्यदेव दुबे के निर्देशन में बने नाटक 'संभोग से संन्यास तक' में इन्होंने पहली बार काम किया था। साथ काम करने के दौरान ही दोनों में दोस्ती हुई। इस मुलाकात के बारे में रत्ना ने एक इंटरव्यू में बताया था, 'यह पहली नजर का प्यार नहीं था। सत्यदेव दुबे ने जब हमें मिलवाया तब मैं इनका सही नाम तक नहीं जानती थी। पहले दिन हम दोस्त भी नहीं थे, दूसरे दिन हमने साथ घूमना शुरू कर दिया था।'