24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कभी इस एक्टर की आवाज कहे जाते थे मुकेश, ​उनकी मौत पर फूट-फूटकर रोए थे राज कपूर, कही थी ये बात

बॉलीवुड पर राज करने वाले मुकेश की आवाज को पहली बार उनके रिश्तेदार मेतीलाल ने पहचाना था।

2 min read
Google source verification

image

Priti Kushwaha

Jul 22, 2018

mukesh

mukesh

हर उम्र के लोगों के दिलों पर राज करने वाले गायक मुकेश ने अपने कॅरियर में एक से बढ़कर एक गाने गए हैं। उनके गानों को आज भी लोग बेहद पसंद करते हैं। लोगों के दिलों को धड़काने वाले मुकेश का जन्म 22 जुलाई, 1923 को दिल्ली में हुआ था। उनका पूरा नमा मुकेश चंद्र माथुर था। बॉलीवुड पर राज करने वाले मुकेश की आवाज को पहली बार उनके रिश्तेदार मेतीलाल ने पहचाना था। दरअसल मुकेश उनकी बहन की शादी में गाना गा रहे थे। फिर क्या था मोतीलाल, मुकेश को मुंबई ले आए और यहां उन्होंने रियाज का पूरा इंतजाम किया। मुंबई में मुकेश के सबसे अजीज दोस्त थे राज कपूर। मुकेश की मौत पर राज कपूर फूट फूट कर रोए थे। आज हम अपको मुकेश से जुड़ी ऐसी कई बाते बताने जा रहे हैं...

राज कपूर की आवाज कहे जाते थे मुकेश:
मुकेश ने अपने सिंगिंग कॅरियर में बहुत से स्टार्स को अपनी आवाज दी है, लेकिन सबसे ज्यादा जिसके लिए गाने गए वो थे राज कपूर। उन्होंने राज कपूर के लिए बहुत से गाने गए और अधिकतर गाने हिट रहे। इसी वजह से वह राजकपूर की आवाज कहे जाने लगे थे। 'जीना यहां मरना यहां', 'जीना इसी का नाम है' से लेकर 'सजन रे झूठ मत बोलो' और 'दोस्त दोस्त ना रहा' जैसे ढेरों ऐसे गाने हैं जिसने राज कपूर के कॅरियर को नई ऊंचाईयों दीं।

एक्टिंग में आजमाया था हाथ:
मुकेश ने सिंगिंग के अलावा एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। फिल्म 'निर्दोष' (1941) से मुकेश ने अपना एक्टिंग डेब्यू किया था। इस फिल्म में उनके अपोजिट एक्ट्रेस नलिनी जयवंत थीं। उन्होंने इसे अलावा और कई फिल्मो में भी काम किया था लेनिक उनकी फिल्में सिनेमाघर पर ज्यादा कमाल नहीं दिखा सकी। इसके बाद उन्होंने अपना पूरा फोकस सिर्फ अपनी गायकी पर देने का फैसला किया।

मुकेश की मौत के बाद राजकपूर ने कही ये बात:
मुकेश अपने एक कॉन्सेर्ट के लिए अमरीका गए थे। वह अपने इस प्रोग्राम के लिए तैयार ही हो रहे थे कि अचानक उनके सीने में दर्द हुआ। इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और निधन हो गया। उनका निधन 1976 में हुआ था। उनकी मौत का सबसे गहरा सदमा अगर किसी को लगा था तो वो थे राज। खबर सुनते ही राज कपूर पूरी तहर से टूट गए थे। उनके मुंह से बस एक ही बात निकली थी, 'मेरी आवाज, मेरी आत्मा दोनों चली गई ।' सही कहा जाए तो आज भले ही मुकेश हमारे बीच नहीं हैं लेकिन सुरीले तरानों के रूप में वो आज भी हमारे जेहन में जिंदा हैं।