कहानी
फिल्म में करण कपाड़िया शहर के कई हिस्सों में लोगों को निर्देश दे रहे हैं। अचानक उसका एक्सीडेंट हो जाता है। हॉस्पिटल में पहुंचकर पता चलता है कि वह एक सुसाइट बॉम्बर है। पुलिस द्वारा एनकाउंटर का फैसला लिया जाता है कि तभी कहानी कुछ घंटों पीछे चली जाती है। एटीएस चीफ एसएस दीवान (सनी देओल) को शहर में एक बहुत बड़ी खेप में विस्फोटक लाए जाने की खबर मिलती है। वह अपनी टीम के साथ तफ्तीश में जुट जाते हैं। इस दौरान पता चलता है कि हनीफ के शरीर पर लगे हुए बम के तार अन्य 24 लोगों के बम से जुड़े हैं और आतंकवादी मकसूद शहर में 25 धमाके करके आतंक का कहर बरपाना चाहता है। हनीफ किसी तरह पुलिस की गिरफ्त से भाग निकलता है। आगे फिल्म में क्या होता है इसके लिए आपकों सिनेमाघर का रुख करना होगा।
कमजोर स्क्रिप्ट
सेकंड हाफ में कहानी बिखर जाती है। पहली भी ऐसे विषय पर फिल्म बन चुकी है। इस वजह से निर्देशक फिल्म में कुछ खास नहीं कर पाए।
एक्टिंग
फिल्म में सनी दओल का पुराना दम-खम नजर आया। फिल्म में उनके डायलॉग्स और एक्शन गजब के हैं। वहीं अपनी डेब्यू फिल्म में ही करण ने अच्छी एक्टिंग की है।