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कहानी उस लड़की की जिस पर दीपिका ने बनाई फिल्म, पति छोड़ चुका है साथ

जनवरी 2020 में दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' आई थी। जिसमें उन्होनें एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल का किरदार निभाया था। फिल्म को क्रिटिक्स ने अच्छे रिव्यू दिए हैं। वहीं दीपिका के काम की भी बहुत तारीफ हो रही है। इस फिल्म को मेघना गुलजार ने डायरेक्ट किया है। आज हम लक्ष्मी अग्रवाल के असली जिंदगी के बारे में।

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कहानी उस लड़की की जिस पर दीपिका ने बनाई फिल्म, पति छोड़ चुका है साथ

लक्ष्मी एक एसिड अटैक पीड़िता हैं । लक्ष्मी का जन्म दिल्ली के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था । 15 साल की उम्र में लक्ष्मी ने गायक बनने का ख्वाब देखा था । 32 साल का नदीम खान नाम का एक लड़का उनसे शादी करना चाहता था लेकिन लक्ष्मी को ये रिश्ता बिल्कुल मंजूर नहीं था । नदीम अक्सर लक्ष्मी का पीछा करता था।

लक्ष्मी ने कई बार उसे मना किया लेकिन वो नहीं माना। साल 2005 में लक्ष्मी, खान मार्केट में एक किताब की दुकान की ओर जा रही थीं । यहीं पर नदीम ने लक्ष्मी के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया। लक्ष्मी सड़क पर ही गिर गईं । वो दर्द से तड़प रही थीं। तब एक टैक्सी ड्राइवर वहां आया और लक्ष्मी को पास में स्थित सफदरजंग अस्पताल में ले गया ।

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लक्ष्मी ने एक इंटरव्यू में अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई थी । उन्होंने बताया था, 'उस वक्त ऐसा लगा जैसे मेरे पूरे शरीर पर किसी ने आग लगा दी हो । मेरी सारी खाल निकलकर बाहर आ गई थी । मेरे हाथ और चेहरे से खाल अलग होकर बहने लगी थी।' इस अटैक के बाद लक्ष्मी को कई सर्जरी करवानी पड़ीं।

वो तीन महीने तक अस्पताल में भर्ती रही थीं। लक्ष्मी ने बताया, 'जिस वार्ड में मैं थी, वहां कोई शीशा नहीं लगाया गया था । रोज सुबह एक नर्स मुझे कटोरे में पानी देती थी। जिससे मैं अपना चेहरा साफ कर सकूं। मैं खुद को उस पानी में देखने की कोशिश करती थी ।'

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'मेरे चेहरे पर सिर्फ पटि्टयां और बैंडेज नजर आते थे । जब मैंने अटैक के बाद पहली बार खुद को शीशे में देखा तो मुझे ऐसा लगा कि मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया है । मेरा चेहरा बोलने लायक भी नहीं रह गया था । इस हादसे के बाद लक्ष्मी कमजोर नहीं पड़ीं। साल 2006 में लक्ष्मी ने एक पीआईएल डाली और सुप्रीम कोर्ट से एसिड बैन करने की मांग की ।'

इसी साल लक्ष्मी एक ऐसे कैंपेन का हिस्सा बनीं जिसका नाम था 'Stop Acid Attacks'। इसे आलोक दीक्षित और आशीष शुक्ला मिलकर चलाते थे । इसके बाद लक्ष्मी उन सैकड़ों एसिड अटैक पीड़िताओं की आवाज बन गईं जो अपने लिए न्याय मांग रही थीं । उस समय लक्ष्मी को अमेरिका की पूर्व पहली महिला मिशेल ओबामा से 'साहस के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला पुरस्कार' मिला था ।

कैंपेन चलाने के दौरान लक्ष्मी को इसके फाउंडर आलोक से प्यार हो गया । इस कपल ने शादी से पहले लिव-इन में रहने का फैसला किया । इस पर लक्ष्मी का कहना था, 'हम शादी ना करके समाज को चुनौती देना चाहते थे । हम नहीं चाहते थे कि हमारी शादी में लोग आएं और मेरे चेहरे को देखकर ताना मारें ।'

कुछ समय बाद लक्ष्मी ने पीहू नाम की एक बेटी को जन्म दिया । बेटी के जन्म के बाद लक्ष्मी और आलोक में अनबन होने लगी । लक्ष्मी और आलोक ने अलग होने का फैसला लिया। बेटी को पालने के लिए लक्ष्मी को एक अच्छी जॉब की जरूरत थी । साथ में उन्हें एक घर भी चाहिए था । इसके लिए लक्ष्मी काफी समय तक स्ट्रगल करती रहीं ।