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फिल्म के शूटिंग में लंचब्रेक के दौरान ही देवानंद ने कर ली थी कल्पना से शादी ,बेहद रंगीन है बॉलीवुड के सदाबहार हीरो की प्रेम कहानी

युवा दिलों पर राज करने वाले देवानंद अपने समय के सबसे लोकप्रिय और लोकप्रिय अभिनेता के रूप में जाने जाते थे और फिर भी देवानंद पर्दे पर जितने रोमांटिक दिखते थे, असल जिंदगी में भी वे बेहद रोमांटिक स्वभाव के अभिनेता थे।

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हिंदी सिनेमा जगत की सदाबहार कलाकार देवानंद अपने जमाने के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं में से एक थे। 26 दिसंबर 1923 को मौजूदा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के एक छोटे से गांव शंकरगढ़ में जन्म लेने वाले देव साहब ने फिल्मी पर्दे पर अपनी एक्टिंग से लाखों लोगों का मनोरंजन किया था। पर्दे पर उनका खुशनुमा अंदाज़ और चारमिंग लुक देखते ही बनता था। देव साहब पर्दे पर जितने रोमांटिक एक्टर थे, असल जिंदगी में भी उतनी ही रोमांस से भरे हुए थे। उन्हें फिल्म इंडस्ट्री का सबसे हैंडसम अभिनेता कहा जाता था। चाहे ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म में हो या फिर रंगीन, देव साहब का सिक्का हर जगह चलता था। बहुत सी एक्ट्रेसेस का दिल गोल्डन एरा के रोमांस किंग देवानंद ( Devanand ) के लिए धड़का। कई हसीनाओं से देव आनंद के अफेयर्स हुए। बॉलीवुड में देवानंद का पहला प्यार सुरैया थी। दोनों की पहली मुलाकात फिल्मों के सेट पर हुई थी। एक गाने की शूटिंग कर रहे थे और तभी सुरैया की नाव पलट गई। तब देवानंद ने पानी में कूदकर सुरैया की जान बचाई थी।

इसके बाद देवानंद और सुरैया एक दूसरे के प्यार में पड़ गए लेकिन दोनो का अफ़ौर लंबा नहीं चल सका और ना ही उनकी शादी हो सकी। सुरैया मुस्लिम थी और देव साहब हिंदू लिहाजा दोनों मजहब की खातिर अलग हो गए। देव साहब का नाम जीनत अमान और टीना मुनीम से भी जुड़ा था । बॉलीवुड की कई हसीनाओ को उनसे प्यार हुआ लेकिन उन्होंने शादी कल्पना कार्तिक ( Kalpana Kartik ) से की। कल्पना कार्तिक 50 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस थीं। 19 सितंबर 1931 में उनका जन्म लाहौर में हुआ था।

उनका जन्म पंजाबी क्रिश्चन परिवार में हुआ था । कल्पना कार्तिक ने शिमला में पढ़ाई की थी और अपनी खूबसूरती की वजह से उन्होंने 50 के दशक में मिस शिमला कॉन्टेस्ट जीता था। कल्पना कार्तिक ने अपने फिल्मी करियर में सिर्फ 6 फिल्में की और ज्यादातर फिल्में देवानंद के साथ रही। टैक्सी ड्राइवर, हमसफर, नौ दो ग्यारह, बाजी, आंधिया और हाऊस नंबर 44 में उनका अभिनय और हुस्न देखने को मिला। कल्पना कार्तिक का असली नाम मोना सिंघा था। जब उन्होंने देवानंद और उनके भाईयों की कंपनी नवकेतन ज्वाइन की तो उन्हें कल्पना कार्तिक नाम दे दिया था। देवानंद और कल्पना की मुलाकात फिल्म बाजी के सेट पर हुई थी। उस दौरान देवानंद का ताजा-ताजा सुरैया से ब्रेकअप हुआ था।

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फिल्म बाजी की शूटिंग के दौरान देवानंद की कल्पना कार्तिक से दोस्ती बढ़ने लगी। फिल्म हिट रही। फिर दोनों ने हमसफर और आंधियां नाम की फिल्म में भी काम किया। इसके बाद 1954 में फिल्म टैक्सी ड्राइवर के सेट पर रिश्ता इतना गहरा हो गया कि दोनों ने फिल्म के लंच ब्रेक में शादी कर ली। देव साहब ने बिना किसी तामझाम के चुपचाप कल्पना कार्तिक से कोर्ट मैरिज कर ली। साल 1954 में हुई यह शादी देवानंद की साल 2011 में हुई मृत्यु तक चली। शादी से कल्पना और देव साहब को दो बच्चे भी हुए थे।

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