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Dilip Kumar और Raj Kapoor का पैतृक घर हुआ धराशाई, पाकिस्तान सरकार ने तय की इसकी कीमत

बॉलीवुड के पहले शोमैन Dilip Kumar और Raj Kapoor के पैतृक घरों को बेचने के लिए उनकी कीमत 80,56,000 रुपये से लेकर 1,50,00,000 तय की है।

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Dilip Kumar Raj Kapoor house

Dilip Kumar Raj Kapoor house

नई दिल्ली। बॉलीवुड के 2 दिग्गज कलाकरों के पुस्तैनी मकान जो पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा सूबे में हैं, दोनों को बेचने के लिए उनकी कीमत तय करदी गई है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा सूबे की सरकार, बॉलीवुड के पहले शोमैन राजकपूर और दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के पैतृक घरों को बेचने के लिए उनकी कीमत तय कर दी है। दिलीप कुमार के घर की कीमत 80,56,000 रुपये रखी गई है तो राज कपूर के पैतृक घर की कीमत 1,50,00,000 तय की है।

पाकिस्तान ने दोनों इमारतों को घोषित किया है राष्ट्रीय विरासत

पकिस्ताकन के पेशावर स्थित पॉश एरिये की इन दोनों इमारतों को वहां की सरकार ने राष्ट्रीय विरासत घोषित कर दिया है। पेशावर के उपायुक्त मुहम्मद अली असगर ने दिलीप कुमार के चार मारला के घर की कीमत 80.56 लाख रुपये तय की है, दूसरीओर राज कपूर के छह मारला के पैतृक घर की कीमत 1.5 करोड़ रुपये रखी गई है।

दोनों दिग्गजों का जन्म इन्हीं इमारतों में हुआ था

पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग ने जिस सूबे में ये ऐतिहासिक इमारतें हैं वहां के सूबे की सरकार से दोनो खास इमारतों के संरक्षण के लिए उन्हें खरीदने का प्रस्ताव रखा, जिसकी कीमत दो करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया था। आपको बतादें ये वही इमारतें हैं जिनमें सिनेमा के दो दिग्गज कलाकारों दिलीप कुमार और राज कपूर का जन्म हुआ था। और भारत-पाकिस्तान के विभाजन से पहले दोनों की शुरुआती परवरिश यहीं हुई थी।

दिलीप कुमार का यह घर 100 साल पुराना है, जो बुरी हालत में पहुंच गया था, जिसको 2014 में तत्कालीन नवाज सरकार ने राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। चर्चा यह भी उठी थी कि इन ऐतिहासिक इमारतों को उनके वर्तमान मालिक तोड़कर कमर्शियल प्लाजा बनाने वाले थे, लेकिन पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग ने इनके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इन्हें संरक्षित करना चाहा था।

दूसरी ओर राज कपूर के पैतृक आवास यानी कपूर हवेली के मोजूदा मालिक की माने तो वे इसके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए इस इमारत को गिराने से साफ इनकार कर दिया था।

वर्तमान मालिक अली ने यह भी दावा किया कि इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण के लिए वे लगातार पुरातत्व विभाग के संपर्क में हैं। इस इमारत को राष्ट्रीय गौरव माना जाए और सरकार इसे 200 करोड़ में खरीद कर संरक्षित करे।