24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

22 साल की सिंगर, गाना बना देश का नंबर 1 सॉन्ग, अब कोरोना वॉरियर्स को धन्यवाद देने के लिए बनाया ‘जीतेंगे हम’

dhvani bhanushali ने पत्रिका एंटरटेनमेंट के साथ की खास बातचीत

2 min read
Google source verification
Dhvani Bhanushali

Dhvani Bhanushali

हम कोरोना वॉरियर्स को धन्यवाद देना चाहते थे, जो इस संकट की घड़ी में अपनी जान जोखिम में डालकर समाज की सेवा कर रहे हैं। हमने सोचा एक सॉन्ग के जरिए हम इनका आभार जताते हैं और फिर हमने 'जीतेंगे हम' सॉन्ग बनाया। यह कहना है सिंगर ध्वनि भानुशाली का, जिन्होंने इस गाने में अपनी आवाज दी है। सिंगर ने पत्रिका एंटरटेनमेंट के साथ विशेष बातचीत में इस सॉन्ग को लेकर और अपनी प्रोफेशनल लाइफ के अनुभव साझा किए।


'कर्मवीर' ही असली हीरो हैं

ध्वनि ने बताया कि पहले हम छोटी सी क्लिप बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने वाले थे, लेकिन कर्मवीर ही समाज के असली हीरो हैं। हमें उन्हें धन्वाद देना था और गाना भी अच्छा बन गया। हमने इसे घर पर ही शूट किया और फिर यूट्यूब पर रिलीज किया।

पत्रिका के 'कर्मवीर अवॉर्ड' की सराहना की

ध्वनि ने पत्रिका के कर्मवीर अवॉर्ड की सराहना करते हुए कहा,पत्रिका की यह बहुत अच्छी पहल है। इससे 'कर्मवीरों' का साहस बढ़ता है। पत्रिका की यह मुहिम सराहनीय है। हम सभी को उनका सम्मान करना चाहिए क्योकि हम तो अपने घर में सुरक्षित हैं लेकिन वे लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर परिवार से दूर दिन—रात समाज की सेवा में जुटे हैं।


'वास्ते' ने बनाया रिकॉर्ड

ध्वनि भानुशाली का गाना 'वास्ते' बीते वर्ष का नंबर वन सिंगल सॉन्ग बन गया है। हाल ही जारी भारतीय रेकॉर्डेड म्यूजिक इंडस्ट्री रिव्यूज की रिपोर्ट में ध्वनि के इस गाने के नाम 78 करोड़ 60 लाख से ज्यादा व्यूज रिकॉर्ड किए गए। इस बारे में सिंगर ने कहा, मुझे बहुत खुश हो रही है कि यह पूरे देश का नंबर वन सॉन्ग बन गया है, लेकिन सब श्रोताओं के प्यार के कारण ही संभव हो सका। मैं सोच भी नहीं सकती थी कि कॅरियर के शुरुआती दौर में ही मुझे इतना प्यार मिलेगा और मेरा सॉन्ग इतना बड़ा हिट हो जाएगा। आगे भी इसी तरह से मेहनत करती रहूंगी।

मेहनत और ईमानदारी सफलता का मूल मंत्र

22 वर्षीय सिंगर ध्वनि का कहना है कि सफलता उम्र की मोहताज नहीं है। वह आपको कभी भी मिल सकती है, बस आप अपना काम ईमानदारी और मेहनत के साथ करते जाएं। मैंने भी ऐसा ही किया। इसके अलावा मेरे साथ माता—पिता की दुआएं और लोगों का प्यार मेरे साथ है।

घुडसवारी और वाटर स्पोर्ट्स का शौक

सिंगिंग के अलावा ध्वनि को घुडसवारी और वाटर स्पोर्ट्स का बहुत शौक है। इस बारे में उन्होंने बताया कि मैं पिताजी के साथ सुबह जल्दी उठकर घुडसवारी करने के लिए जाती थी। पोलो ग्राउंड में मैं पिताजी के साथ एक घंटा घुडसवारी करती थी। इसके साथ राइफल शूटिंग भी उन्होंने मुझे सिखाई और वाटर स्पोर्ट्स भी अच्छे लगते थे।