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नए विकल्पों पर गौर करें, आगे बढ़ें: प्रकाश झा

बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा कहते हैं जब पूरे देश में लॉकडाउन था तब यह उम्मीद नहीं की जा सकती थी कि आगे कब व कैसे सब ठीक होगा। फिर भी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म ने फिल्म उद्योग को डूबने से बचा लिया। लॉकडाउन के दौरान इतना अच्छा विकल्प हमें मिलेगा यह सोच से बाहर था। अब ऑनलाइन स्ट्रीमिंग चैनल और फिल्म थिएटर समानांतर चलेंगे तब देखने लायक होगा आगे भविष्य कैसा होता है।

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Nitin Kumar

Dec 24, 2020

Prakash Jha

प्रकाश झा

ईयरएंडर स्पेशल

एक्सपर्ट व्यूः प्रकाश झा

एक फिल्म निर्देशक के लिए हर लम्हा ही चुनौतीपूर्ण रहता है। चाहे वो सीन फिल्माने में हो या कहानी को ठीक तरीके से पेश करने में। बहुत ही बारीकी से काम करना पड़ता है। जहां तक कोविड-19 का सवाल है? फिल्म जगत समेत सभी क्षेत्रों में सभी को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड-19 से समस्या जरूर पैदा हुई है। काम करने के तरीके बदले गए हैं। हमारी कुछ फिल्मों की शूटिंग फरवरी 2020 तक हो चुकी थी तो मार्च के बाद शूटिंग पर खास प्रभाव नहीं पड़ा। लॉकडाउन के दौरान इन-हाउस प्रोडक्शन का सारा काम हुआ।

कोरोना काल में आश्रम जैसी वेब सीरीज ऑनलाइन स्ट्रीमिंग जैसे प्लेटफार्म पर शानदार सबित हुई। जब पूरे देश में लॉकडाउन था तब यह उम्मीद नहीं की जा सकती थी कि आगे कब व कैसे सब ठीक होगा। फिर भी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म ने फिल्म उद्योग को डूबने से बचा लिया। लॉकडाउन के दौरान इतना अच्छा हमें विकल्प मिलेगा यह सोच से बाहर था। अब ऑनलाइन स्ट्रीमिंग चैनल और फिल्म थिएटर समानांतर चलेंगे तब देखने लायक होगा आगे भविष्य कैसा होता है। आश्रम की 3 सीरीज ऑनलाइन स्ट्रीमिंग चैनल पर विख्यात हुई हैं। फिल्म इंडस्ट्री के लिए ऑनलाइन स्ट्रीमिंग चैनलों ने जो विकल्प दिया है वो भविष्य में और भी बेहतर साबित होगा।

फिल्म निर्देशक का काम कला जगत से है। वह हमेशा कथा-पटकथा के बीच में ही रहता है। वह हमेशा कोशिश करता है कि क्या नया वह समाज को दे सके। उम्मीद है कि आने वाला समय और बेहतर होगा और हम कुछ नया कर पाएंगे। दर्शकों को नयापन देने की खोज में पटकथा और कथाएं चलती रहती हैं।

कोरोना काल में हमने हालात के मुताबिक जीना सीखा। जैसी स्थितियां रहेंगी अब लोग वैसी अपनी कार्यशैली बदलेंगे। वैसे ही समाज बदलेगा। बदले हुए समय के अनुसार चलना ही बुद्धिमानी है। हम नए विकल्पों पर गौर करते हुए आगे बढ़े, यही जिंदगी है।

उम्मीद है, सब कुछ सामान्य हो जाएगा

कोराना काल में बड़े बजट की कुछ फिल्मों की रिलीज रुकी रही। यह जायज सी बात है कि सब लोग घर में बंद थे तो फिल्में कौन देखता। अब कोविड के दिशा-निर्देशों के साथ थिएटर खुले हैं अब लोग आएंगे और फिल्में देखेंगे। ऑनलाइन स्ट्रीमिंग चैनल बड़े बजट की फिल्मों को बड़ा मंच नहीं दे सकते लेकिन अभी भी स्थिति यह है कि अगर अच्छी फिल्में आएंगी तो धीरे-धीरे सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ बढ़ेगी। उम्मीद है कि 2021 में धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो जाएगा। आने वाली फिल्में मट्टो की साइकिल व परीक्षा से उन्हें काफी उम्मीदें हैं।

इंटरव्यूः रेनू सिंह