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गजेंद्र चौहान ने खोल दी मनोज मुंतशिर की पोल, बोले- आदिपुरुष के डायलॉग्स सोशल मीडिया से चुराए हैं

Adipurush Dialogues Controversy: गजेंद्र चौहान बोले- आदिपुरुष के मैकेर्स सजा के पात्र हैं। उन्हें सजा तो मिलनी ही चाहिए। बल्कि मैं तो सेंसर बोर्ड के डिसीजन से हैरान हूं। उनपर भी सवाल खड़ा किया जाना चाहिए।

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Gajendra Chauhan said Manoj Muntashir has stolen dialogue of Adipurush

बाएं से गजेंद्र चौहान दाएं में मनोज मुंतशिर

Adipurush Dialogues Controversy: हाल ही में रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग्स की वजह से निगेटिविटी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही बॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी खूब गुस्सा निकाल रहे हैं। इस फिल्म के डायलॉग्स को लेकर सब पहले रामानंद सागर की रामायण के शीर्ष किरदार आपत्तियां जता चुके हैं। वहीं महाभारत में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले ‘गजेंद्र चौहान’ आदिपुरुष के मेकर्स से नाराज हैं।

गजेंद्र चौहान कहना है, “इस तरह की फिल्में देश की धार्मिक भावनाओं का माखौल उड़ाती हैं। सबसे पहले मैं यही कहना चाहूंगा कि रामायण और महाभारत की कहानियां हमारे संस्कार और सभ्यता से जुड़ी हुई हैं। इस तरह से उनके साथ खिलवाड़ किसी को बर्दाश्त नहीं होना चाहिए।”

गजेंद्र चौहान ने एक इंटरव्यू में कहा, “महाभारत और रामायण देखने की चीज नहीं है बल्कि यह तो सीखने की चीज है। एक विरासत के तौर पर हम आने वाली जनरेशन को यह देते जाते हैं। यह हमारे देश की धरोहर है, जिसे संभालकर रखना चाहिए। इससे कोई गलत मेसेज नहीं जाना चाहिए।”

टिकट खरीदने के बाद भी गजेंद्र चौहान ने क्यों नहीं देखी आदिपुरुष?
उन्होंने आगे कहा, “मैंने इस फिल्म को देखने के लिए टिकट भी बुक कराई थी, लेकिन पता नहीं क्यों मेरी आत्मा गवारा नहीं मान रही कि मैं इसे थिएटर में जाकर देखूं। दरअसल मैंने जो कुछ भी ट्रेलर, छोटे क्लिप्स में देख लिया है, वो सबकुछ जानने के बाद तो मुझे यही अहसास हुआ कि यह फिल्म उस लायक नहीं है।”

गजेंद्र का मानना है कि इस फिल्म के पीछे कोई गहरी साजिश है
गजेंद्र चौहान ने कहा, “मैं अपनी मान्यता को बिलकुल भी खत्म नहीं करना चाहता हूं। मैं राम को प्रभु श्रीराम के रूप में ही देखना चाहता हूं। मैं तो मानता हूं कि जरूर इसके पीछे कोई गहरी साजिश है, वो हमारे आने वाली पीढ़ी को खराब करना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं तो टी-सीरीज के भूषण जी को कहना चाहूंगा कि उनके पिताजी ने जो लिगेसी बढ़ाई है। जिस तरह धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखा है, उन्हें तो इन सब चीजों का संजीदगी से ख्याल रखना चाहिए। आने वाले समय में ऐसी चीजों को बिलकुल भी वैल्यू नहीं देनी चाहिए।”

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डायलॉग्स सुधार होने की बात पर गजेंद्र चौहान बोले, देखिए धनुष से तीर निकल चुका है। जो डैमेज होना था, वो तो हो गया। अब उसे कितना भी सुधार लें, वो बदलने वाला नहीं है। इससे कोई फायदा नहीं होगा। लोगों ने आदिपुरुष को सजा तो दे ही दी है। पहले दिन के कलेक्शन और आज के कलेक्शन में गिरावट देख लें।”

गजेंद्र बोले- मैं सेंसर बोर्ड के डिसीजन से हूं हैरान
उन्होंने कहा, ये सजा के पात्र हैं। उन्हें सजा तो मिलनी ही चाहिए। बल्कि मैं तो सेंसर बोर्ड के डिसीजन से हैरान हूं। उनपर भी सवाल खड़ा किया जाना चाहिए। इस फिल्म को तो रिलीज ही नहीं किया जाना चाहिए था। पूरी फिल्म पर बैन होनी चाहिए। सरकार को तुरंत इस पर रोक लगा देना चाहिए।”

‘मुंतशिर ने सोशल मीडिया के क्लिप्स से डायलॉग उठा लिए’
इंटरव्यू में गजेंद्र ने कहा, “मुझे लगता है कि मनोज मुंतशिर ने अज्ञानता का परिचय दिया है। उसे वाकई में कोई नॉलेज नहीं है। वो गीतकार है, उनसे संवाद लिखवा दिए हैं। जो वक्ता, राइटर्स के वीडियोज सोशल मीडिया पर चलते हैं न, वहीं से डायलॉग उठाकर मुंतशिर साहब ने फिल्म में जोड़ दिया है। कुमार विश्वास का डायलॉग है न 'तेरी लंका लगा दूंगा मैं’ इन सभी को जोड़कर उसने पेश किया है। बता रहा है कि जैसे उसी ने सबकुछ लिखा है। अभी भी वो जिद्द पर अड़ा हुआ है। ये अंहकार किसी भी कलाकार के लिए सही नहीं है।”