ललिता का असली नाम अंबा था। वह कभी भी स्कूल नहीं गई थीं क्योंकि उस जमाने में लड़कियों को स्कूल भेजना ठीक नहीं माना जाता था। एक्ट्रेस ने अपने कॅरियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार शुरू की थी। वहीं उन्होंने कॅरियर के शुरुआत में बोल्ड फोटोशूट करा कर काफी सुर्खियां बटोरी थीं। पहली फिल्म हिट होने के बाद वह सबसे ज्यादा फीस लेनी वाली एक्ट्रेस बन गई थीं। इसके चहते कई लोग उनसे चिढ़ते भी थे। ये बात कम लोग ही जानते हैं की वह एक बेहतरीन गायिका भी थीं।
ललिता कामियाबी का सफर तय ही कर रही थीं कि एक दिन उनके साथ वो हुआ जिसके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। 1942 में ललिता फिल्म ‘जंग-ए-आजादी’ के एक सीन की शूटिंग कर रही थीं। इस सीन में एक्टर भगवान दादा को ललिता को थप्पड़ मारना था। उन्होंने ललिता को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि वह जमीन पर गिर गईं और उनके कान से खून बहने लगा। इसके बाद ललिता पवार के शरीर के दाहिने भाग को लकवा मार गया। इसी लकवे की वजह से उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह सिकुड़ गई और चेहरा खराब हो गया। इस घटना के बाद ललिता पवार को काम मिलना बंद हो गया और उनका बतौर अभिनेत्री का कॅरियर पूरी तर से बर्बाद हो गया।