इस फिल्म की शुरुआत से जब फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने वाला था उसी समय भारतीय वायु सेना ने खुद सेंसर बोड को पत्र लिख कर फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ के ट्रेलर के कुछ सीन पर अपत्ति जताई थी। आपत्ति में वायु सेना ने कहा था कि इस फिल्म में एयर फोर्स की महिला कर्मचारियों की वर्किंग को गलत तरीके से पेश किया गया है।
दूसरी ओर केंद्र सरकार ने भी दिल्ली हाईकोर्ट में नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ के रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी जिस पर हाईकोर्ट ने साफ इनकार कर दिया है। केन्द्र ने अपनी याचिका में कहा था कि इस फिल्म में इंडियन एयरफोर्स की छवि को गल तरीके से दर्शाया गया है। केन्द्र की आपत्ति का मुख्य बिंदु था कि फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ में इंडियन एयर फोर्स में महिला और पुरुष के बीच भेदभाव दिखाया गया है।
हालांकि कोरोना काल की मुसीबतों के बीच बनी फिल्म, काई बाधाओं को पार कर रिलीज की दहलीज़ तक पहुंची है, ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय ने फ्लाईट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को और धर्मा प्रोडक्शन के साथ नेट फ्लिक्स के लिए बड़ी राहत देने वाली खबर साबित हुई है।