
कुमार एस. तौरानी
ईयरएंडर स्पेशल
एक्सपर्ट व्यूः कुमार एस. तौरानी
साल 2020 बेहद चुनौती भरा नजर आया। कोरोना महामारी के कारण मार्च से लेकर जुलाई तक लॉकडाउन ने पूरे देश के लोगों को समझा दिया कि ऐसे भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। फिल्म उद्योग जगत ही नहीं बल्कि सभी उद्योगों और सभी क्षेत्रों के लिए कठिन दौर था। संकट ने हमें बहुत कुछ सिखाया। कई विकल्प हमारे सामने आए जिनसे लगा कि अब भविष्य में और भी कुछ बेहतर हो सकता है। जूम, गूगल मीट सहित कई ऑनलाइन प्लेटफार्मों ने यह बता दिया कि काम करने के दूसरे तरीके भी हो सकते हैं। काम बिल्कुल बंद नहीं हो सकता है। साल 2020 का अनुभव हमें भविष्य को संवारने में मदद करेगा।
ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म बेहतर विकल्प
पिछले कई सालों से ऑनलाइन स्ट्रीमिंग चैनलों की संख्या बढ़ी है। लॉकडाउन के दौरान जब थिएटर बंद हो गए तो ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए फिल्म उद्योग को सहारा मिला। अब भी मांग बढ़ती ही जा रही है। फिल्म उद्योग को बिल्कुल डूबने से बचा लिया। बड़े बजट की फिल्मों को अभी भी थिएटर का इंतजार करना पड़ेगा। बड़े बजट की फिल्में ऑनलाइन स्ट्रीमिंग से रिलीज करने पर निर्माताओं को पहले से ही घाटा हो सकता है। निर्माताओं के करोड़ों रुपए फिल्मों में फंसे हुए हैं।
2021 के बाद आएगा बेहतर समय
2021 में कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी। फिर भी भारत जैसे बड़े देशों में सब कुछ सामान्य होने में समय लगेगा। 2021 के बाद 2022 बेहतर वर्ष साबित होगा। महामारी से जूझते हुए भारत जैसे देश आगे बढ़ रहे हैं। हमने लॉकडाउन में खुद को बहुत संभाला है और इस सब्र का फल बहुत ही मीठा होने वाला है। फिर थियेटर जगमगाएंगे और फिल्में रिलीज होंगी। सिनेमा हॉल में दर्शकों भर जाएंगे। हमें उम्मीद है कि 2021 के बाद हम और बेहतर रूप में खुद को खड़ा कर पाएंगे।
अच्छा संगीत सुनें
मुझे खाने-पीने और अलग-अलग तरह की फिल्में देखने का शौक है। इसके अलावा मैं और कई चीजों में रुचि रखता हूं। फिल्म निर्माता के साथ संगीत जगत से जुड़ा हूं। हमारी टिप्स म्यूजिक कंपनी लोगों तक अच्छा संगीत पहुंचाने की हमेशा प्रयास कर रही है? अच्छा संगीत सुनें और अच्छा सोचें।
इंटरव्यूः रेनू सिंह
Published on:
24 Dec 2020 08:13 pm
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