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Jagdeep dies at 81: फिल्म शोले में सूरमा भोपाली बनने के पीछे है रोचक किस्सा, ऐसे मिला था यादगार रोल

Published: Jul 09, 2020 09:46:23 am

Submitted by:

Neha Gupta

बॉलीवुड के सूरमा भोपाली नाम से फेमस सीनियर एक्टर जगदीप का 8 जुलाई को निधन (Jagdeep passed away) हो गया। उन्हें खास पहचान 1975 में आई फिल्म शोले से मिली। जगदीप को फिल्म शोले में रोल मिलना और भोपाली भाषा (Jagdeep soorma bhopali role story) बोलने का किस्सा बेहद दिलचस्प है।

Jagdeep soorma bhopali role story

Jagdeep soorma bhopali role story

नई दिल्ली | बॉलीवुड के सूरमा भोपाली नाम से फेमस सीनियर एक्टर जगदीप का 8 जुलाई को निधन (Soorma Bhopali passed away) हो गया। उनका असली नाम सैय्यद इश्तियाक अहमद जाफरी (Syed Ishtiaq Ahmed Jaffrey) था लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में लोग उन्हें जगदीप के नाम से जानते थे। हालांकि शोले में सूरमा भोपाली (Sholay Soorma Bhopali role) का किरदार निभाने के बाद वो इसी नाम से फेमस हो गए थे। उन्होंने अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उनकी कॉमेडी लोगों के दिल जीत लिया करती थी। जगदीप ने एक चाइल्ड आर्टिस्ट (Jagdeep career as child artist) के तौर पर काम शूरू किया था और धीरे-धीरे उन्होंने अलग-अलग फिल्मों में कई रोल किए। लेकिन उन्हें खास पहचान 1975 में आई फिल्म शोले से मिली। जगदीप को फिल्म शोले में रोल मिलना और भोपाली भाषा (Jagdeep soorma bhopali role story) बोलने का किस्सा बेहद दिलचस्प है।

https://twitter.com/hashtag/Jagdeep?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw

जगदीप ने एक बार अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके जहन में भोपाली भाषा कहां से आई। उन्होंने किस्सा साझा करते हुए कहा कि सलीम-जावेद की फिल्म सरहदी लुटेरा में मैं एक कॉमेडियन (Comedian Jagdeep) का किरदार कर रहा था लेकिन मुझे अपने डॉयलॉग बेहद लंबे लग रहे थे। मैंने डायरेक्टर सलीम (Director Salim) से जाकर कहा कि ये डायलॉग बहुत बड़े हैं तो उन्होंने कहा कि जावेद के पास चले जाओ। जब मैं उनके पास पहुंचा तो एक मिनट में जावेद (Writer Javed) ने उसे पांच लाइन बना दिया। मैं उसके टैलेंट को देखकर हैरान था। वहीं से हमारी दोस्ती की शुरुआत हुई।

जगदीप ने आगे बताया कि हर रोज शाम को हम साथ में बैठते, चाय पीते और शायरियां चलती। इसी बीच जावेद ने भोपाली भाषा में कुछ कहा। मैंने पूछा ये कौन सी भाषा बोल रहे हो। तब उसने बताया कि भोपाल का लहजा है, वहां औरतों ऐसे ही बोलती हैं। तो मैंने कहा मुझे भी कुछ सिखा दो। फिर जब 20 साल बाद शोले बनी तो मुझे रमेश सिप्पी (Ramesh Sippi) ने फोन कर बुलाया और वहीं से ये सफर शुरू हुआ। मेरी पहचान सूरमा भोपाली के रूप में बन (Jagdeep Soorma Bhopali role famous) गई।

वहीं शोले के अलावा जगदीप ने 1988 में आई फिल्म सूरमा भोपाली (Film Soorma Bhopali) में भी सूरमा का किरदार निभाया था। जिसके बाद यही नाम उनकी पहचान बन गया। हालांकि शोले (Sholay) के किरदार ने उन्हें सभी का फेवरेट बना दिया।

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