मखमली आवाज के सिंगर जगजीत सिंह (Jagjit Singh) ने साल 2011 में 10 अक्टूबर को अलविदा कह दिया था। लेकिन उनकी आवाज का जादू लोगों के दिलों से कम नहीं हुआ। यहां तक कि सुर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भी उनकी आवाज की बहुत तारीफ कर चुकी हैं।
नई दिल्ली | अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाले सिंगर जगजीत सिंह की 10 अक्टूबर को पुण्यतिथि (Jagjit Singh Death Anniversary) होती है। आज जगजीत सिंह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज लोगों के दिलों में बसी हुई है। गम हो या खुशी जगजीत सिंह ने हर तरह की गजले गाई हैं। उनकी आवाज के लाखों फैंस हैं लेकिन एक नाम ऐसा है जो खुद हर दिल की धड़कन हैं। सुर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) खुद जगजीत सिंह (Jagjit Singh) की आवाज की मुरीद हैं। उन्हें जगजीत सिंह द्वारा गाई हुई गजले बहुत भाती हैं। यहां तक कि एक बार जगजीत सिंह के लाइव कॉन्सर्ट के लिए उन्होंने तुरंत टिकट खरीदा था।
लता मंगेशकर ने अपने एक इंटरवयू में बताया था कि वो जगजीत सिंह की आवाज की बहुत बड़ी फैन हैं। वो उनके लाइव कॉन्सर्ट्स में जाया करती थीं। एक बार लता मंगेशकर को पता चला कि जगजीत सिंह का शो होने वाला है तो उन्होंने तुरंत टिकट खरीद उनकी आवाज सुनी थी। जगजीत सिंह द्वारा गाई हुई गजलों (Jagjit Singh Ghazals) में लता मंगेशकर की एक फेवरेट गजल भी है। जिसे वो अक्सर सुना करती हैं। 'सरकती जाए है रुख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता' नाम की गजल लता मंगेशकर को बेहद पसंद है।
लता मंगेशकर ने जगजीत सिहं को लेकर कहा था कि उनकी गजले हमेशा लोगों को याद रहेंगी। आज के नए गायक उस तरह की गजलें नहीं गा रहे हैं। जगजीत सिंह का दौर, उनका स्टाइल, गाने की शैली अब चला गया। कहते हैं कि जगजीत सिंह की आवाज में उनके जवान बेटे के निधन के बाद बहुत दर्द आ गया था। गजल सम्राट कहे जाने वाले जगजीत सिंह ने साल 2011 में दुनिया को अलविदा कह दिया था। उन्हें ब्रेन हेमरेट हुआ था जिसका इलाज कुछ दिन तक चला लेकिन उसके बाद जगजीत सिंह का निधन हो गया। जगजीत सिंह की मखमली आवाज आज भी लोगों के कानों के सुकून देती है और हमेशा देती रहेगी।