9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जया ने लिखी थी अमिताभ की फिल्म ‘शंहशाह’ की कहानी, विवाद के चलते रोकी गई थी शूटिंग फिर ऐसे पूरी हुई फिल्म

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि बिग बी ने जया को पहली बार एक मैगजीन के कवर पेज पर देखा था और वो इससे इंप्रेस भी हुए थे। अमिताभ अपने जीवन में हमेशा आसी लड़की चाहते थे जो अंदर से ट्रेडिशनल और बाहर से मॉडर्न हो जया उन्हें बिल्कुल वैसी लगी थीं। दोनों को पहली बार साथ काम करने का मौका 'गुड्डी' फिल्म से मिला। 'गुड्डी' के बाद दोनों ने फिल्म 'एक नजर' में साथ काम किया। यहीं वो फिल्म थी जहां दोनों के प्यार की शुरुआत हुई फिर क्या था ये रिश्ता और मजबूत होता गया और दोनों ने 3 जून 1973 को शादी कर ली।

2 min read
Google source verification

image

Shweta Bajpai

Jun 03, 2022

jaya bachchan who wrote the story of amitabh bachchan movie shehensha

jaya bachchan who wrote the story of amitabh bachchan movie shehensha

वैसे तो इन दोनों से जुड़े कई किस्से आपको सुनने को मिलेंगे, लेकिन कुछ किस्से ऐसे हैं जो आपको हैरान कर देंगे। उनमें से सबसे खास यह है कि जया बच्चन ने अमिताभ बच्चन की एक फिल्म की कहानी लिखी थी। जी हां और सिर्फ यहीं नहीं ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी।

आपको वो डायलॉग तो याद ही होगा 'रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं'। जी हां हम इसी फिल्म की बात कर रहे हैं। साल 1988 में अमिताभ बच्चन की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'शंहशाह' आई थी। इसमें उनके साथ मीनाक्षी शिशाधरी थीं। ये फिल्म रिलीज होते ही बड़ पर्दे पर छा गई थी। इस फिल्म का डायलॉग, 'रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं' खूब हिट हुआ था, लेकिन क्या आपको पता है कि इस फिल्म की कहानी जया बच्चन ने लिखी थी।

टीनू आनंद के निर्देशन में बनी इस फिल्म को जया ने लिखा था। उन दिनों जया बच्चन फिल्मी दुनिया से दूर थीं। इस दौरान उन्होंने इस फिल्म की कहानी लिखी जो बहुत पसंद की गई। फिल्म ने अग्रिम बुकिंग ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और शीला सिनेमा (दिल्ली) में पहले शो के लिए 20,000 लोगों की भीड़ जमा हुई थी। यह फिल्म 1988 की दूसरी सबसे बड़ी कमाई वाली फिल्म बन गई।

टीनू आनंद के निर्देशन में बनी इस फिल्म को जया ने लिखा था। उन दिनों जया बच्चन फिल्मी दुनिया से दूर थीं। इस दौरान उन्होंने इस फिल्म की कहानी लिखी जो बहुत पसंद की गई। फिल्म ने अग्रिम बुकिंग ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और शीला सिनेमा (दिल्ली) में पहले शो के लिए 20,000 लोगों की भीड़ जमा हुई थी। यह फिल्म 1988 की दूसरी सबसे बड़ी कमाई वाली फिल्म बन गई।

खास बात यह थी कि शूटिंग के दौरान अमिताभ और टीनू एक विशेष दृश्य को लेकर असहमत हो गए। वह जिसमें टीनू चाहते थे कि अमिताभ अपनी पुलिस की वर्दी पहनें, लेकिन अमिताभ ने इसके बजाय ब्लेजर पहनने पर जोर दिया। बहस बढ़ते बढ़ते इतनी यहां तक पहुंच गई कि दोनों में से कोई भी अपना रुख बदलने के लिए तैयार नहीं था। इस वजह से शूटिंग को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा था। हालांकि बाद में टीनू के पिता इंदर राज आनंद के हस्तक्षेप से यह फिर शुरू हो सकी थी। उन्होंने अमिताभ को इस दृश्य के महत्व को समझाते हुए पुलिस की वर्दी पहनने के लिए राजी कर लिया कि शूटिंग फिर से शुरू हो गई।