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कभी सड़क पर पेन बेचा करते थे जॉनी लीवर, नाम के पीछे है दिलचस्प कहानी

हिंदी सिनेमा के इतिहास में जब भी बेहतरीन हास्य अभिनेताओं की बात होती है तो उस सूची में दिग्गज़ अभिनेता जॉनी लीवर का नाम भी शामिल होता है। 90 के दशक में इस अभिनेता ने अपनी बेहतरीन कॉमेडी से ख़ूब नाम कमाया। अपने दौर में जॉनी ने हर बड़े सुपरस्टार के साथ काम किया और दुनियाभर में कामयाबी हासिल की।

Nov 17, 2021 / 04:41 pm

Satyam Singhai

jhonny lever a pen seller one of the best comedy artist

कभी सड़क पर पेन बेचा करते थे जॉनी लीवर, नाम के पीछे है दिलचस्प कहानी

आज चाहे जॉनी को दुनिया जानती हों और वे करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं हालांकि कभी वे भी एक आम आदमी की तरह जीवन जीते थे। वह आर्थिक पूर्ति के लिए छोटे मोटे काम करते थे। हिंदी सिनेमा में काम करने से पहले उन्होंने सड़कों पर पेन बेचने का काम भी किया था। इस दौरान वे ग्राहकों को रिझाने के लिए भी मिमिक्री करते थे।
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जॉनी लीवर का जन्म 14 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कनिगरी में हुआ था। बताया जाता है कि शुरू से ही जॉनी को फ़िल्में देखने और फिल्मों में काम करने का शौक था। हिंदी सिनेमा में कदम रखने से पहले वे मंचों पर प्रस्तुति दिया करते थे। वे इस दौर में अभिनेताओं की हूबहू मिमिक्री करते थे।
जॉनी लीवर को फिल्म स्टारों की मिमिक्री करने में महारत हासिल थी। उनकी इसी खासियत ने उन्हें स्टेज शो करने का मौका दिया। ऐसे ही एक स्टेज शो में सुनील दत्त की उनपर नज़र पड़ी। उन्होने जॉनी लीवर को फिल्म ‘दर्द का रिश्ता’ में पहला ब्रेक मिला और आज यह सिलसिला 350 से अधिक फिल्मों तक पहुंच गया है।
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‘दर्द का रिश्ता’ के बाद वह ‘जलवा’ में नसीरुद्दीन शाह के साथ देखे गए, लेकिन उनकी पहली बडी सफलता ‘बाजीगर’ के साथ शुरू हुई। उसके बाद वह लगभग एक सहायक अभिनेता के रूप में हर फिल्म में हास्य अभिनेता के रोल में देखे गए। उनकी पहली फीचर फिल्म तमिल ‘अनब्रिक्कु अल्लाविल्लाई’ है।
जॉनी का नाम ‘हिंदुस्तान लीवर’ कंपनी के नाम पर पड़ा था। दरअसल, जॉनी के पिता इस कंपनी में काम करते थे और कभी-कभी जॉनी भी अपने पिता के साथ उनके ऑफिस चले जाया करते थे। यहां जॉनी अक्सर दफ्तर में कोई कार्यक्रम के दौरान फ़िल्मी कलाकारों की मिमिक्री करते थे और वे लोगों को ख़ूब हंसाते थे। ऐसे में लोग जॉनी को जॉनी लीवर बुलाने लगे। आगे जाकर उन्होंने यहीं नाम रख लिया और फिर जॉनी ने हिंदी सिनेमा भी इसी नाम के साथ एंट्री ली।
अपने बेहतरीन काम के चलते वे 3 बार फिल्म फेयर के बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड के लिए नॉमिनेट हुए हैं। वहीं उन्हें दो बार फिल्म फेयर के बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड से नवाजा भी गया है। उन्हें एक अवॉर्ड ‘दीवाना मस्ताना’ और एक ‘दूल्हे राजा’ फिल्म के लिए मिला था।

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