20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘इंडिया कॉन्सेप्ट’ को लेकर सैफ़ पर भड़की कंगना रनौत, कहा- ‘भारत नहीं था तो महाभारत कहां से आया?

सैफ़ अली ख़ान (Saif Ali Khan) ने एक इंटरव्यू में 'इंडिया के कान्सेप्ट' को लेकर बयान दिया है। सैफ के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रॉल किया जा रहा है।

2 min read
Google source verification

image

Vivhav Shukla

Jan 22, 2020

kangana_t_on_saif__if_there_was_no_bharat_what_was_mahabharat.jpg

नई दिल्ली। 10 जनवरी को बॉलीवुड (bollywood) की दो फिल्में रिलीज हुई थी। एक थी दीपिका पादुकोण की छपाक, दूसरी थी अजय-सैफ की तानाजी। ताना जी ने कमाई के मामले में बॉक्स ऑफिस (BO) पर हंगामा मचा दिया। लेकिन उससे भी ज्यादा हंगामा मचाया सैफ अली खान के हालिया में दिए बयान ने। दरअसल, हाल ही में सैफ़ अली ख़ान (Saif Ali Khan) ने एक इंटरव्यू में 'इंडिया के कान्सेप्ट' को लेकर बयान दिया है। सैफ के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रॉल किया जाने लगा। वहीं इस बयान पर अब एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का बयान सामने आया है। कंगना ने कहा है कि अगर भारत नहीं था, तो महाभारत (Mahabharat) कहां से आया?

क्या है मामला?

ताना जी (Tanaji) को अपार सफलता मिलने के बाद सैफ (Saif Ali Khan) ने स्वीकार किया था कि तानाजी में इतिहास की गलत व्याख्या की गई है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि 'फिल्म की कमाई के लिए लोग इतिहास की गलत व्याख्या करने तक को उतारु हैं।इसे लेकर मैं केवल एक अभिनेता के तौर पर ही सहमत नहीं हूं बल्कि एक भारतीय के तौर पर भी नहीं हूं। इस बार मैं किसी कारण बस कोइ स्टैंड़ नहीं ले सका लेकिन मैं अगली बार से ऐसी कहानियों को लेकर सतर्क रहूंगा।'

Neha Kakkar ने दिखाई दरियादिली, दमकल कर्मी की मदद के ल‍िए दिए दो लाख रुपये

कंगना ने क्या कहा?

सैफ के इस बयान को बाद लोग उन्हें खरी खोटी सुनाने लगे। वहीं कंगना ने भी सैफ़ अली ख़ान को जवाब देते हुए पूछा है कि अगर जब भारतवर्ष नहीं था, तो महाभारत क्या था? 5 हजार साल पहले वेदव्यास ने क्या लिखा था?। एक TV चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, कुछ लोगों ने अपने ऐसे नैरटिव बनाए हुए हैं, जो उन्हें सूट करते हैं। लेकिन श्रीकृष्ण जी महाभारत में थे, तो

भारत था और तभी तो वो महान था। भारतवर्ष के सभी राजाओं ने मिलकर वह युद्ध लड़ा था। यूरोप जैसे ही कुछ छोटे-छोटे राज्य थे, लेकिन उनकी अपनी पहचान थी। इस 'कलेक्टिव आइडेंटिटी' का नाम था भारत। तभी तो कृष्ण पांडवों और कौरवों के साथ मिलकर गए थे। वह यह जानने गए थे, कौन हिस्सा ले रहा है और कौन हिस्सा नहीं ले रहा है।'

कंगना ने आगे कहा कि सबका अपना डमोक्रेटिक राइट्स है वो जिसको एम्पॉवर करना चाहें, कर सकते हैं। उस पर हमारा टिप्पणी करना कोई अच्छी बात नहीं है।लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए, मैं कभी भी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़ी नहीं होउंगी।