
नई दिल्ली। कोरोना से निजात मिलने के बाद कानूनी मुश्किलों से घिरी बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर कनिका कपूर कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आई हैं। कनिका ने कोरोना संक्रमित लोगों की मदद के लिए अपना प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा जताई है। कनिका लंबे समय तक कोरोना से संघर्ष कर, उसे मात देने के बाद घर लौटी हैं।
बतादें समस्याओं से घिरी बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर कोरोना को मात देने के बाद अब इस जानलेवा वायरस से संक्रमित लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया है, इसके लिए कनिका अपना ब्लड और प्लाज्मा डोनेट करना चाहती हैं।
कनिका ने कोरोना के संक्रमण को लंबे संघर्ष के बाद मात दिया है, लिहाजा अब वो खुद इस नेक काम के द्वारा दूसरे पीड़ितों की जान बचाने के लिए एसजीपीजीआई से संपर्क किया है, उनके अनुरोध पर डॉक्टरों की एक टीम लखनऊ में उनके शालीमार गैलेंट अपार्टमेंट पहुंच कर कनिका के ब्लड का नमूना ले लिया है। डॉक्टरों का कहना है जल्द ही उनकी ब्लड रिपोर्ट आजाएंगी, अगर सब कुछ नॉर्मल रहता है तो कनिका को प्लाज्मा डोनेट करने हॉस्पिटल जाना होगा।
इससे पहले सिंगर कनिका कपूर पर संक्रमण छुपाने के आरोप में पुलिस ने मामला दर्ज किया था। जिसके लिए उन्हें नोटिस दिया गया है, और नोटिस के तहत आगामी 30 अप्रैल को कनिका का बयान दर्ज किया जाएगा। हालांकि कनिका संक्रमण से मुक्त होने के बाद जांच में पूरी तरह पुलिस को सहयोग कर रही हैं।
विदित हो सिंगर कनिका कपूर पर दूसरों की जान खतरें में डालने के अलावा आईपीसी की धारा 188, 269 और 270 के तहत सरोजनी नगर थाने में केस दर्ज किया गया है, आरोप यह लगा है कि लंदन से लौटने के बाद उन्होंने खुद को क्वारंटीन नहीं किया बल्कि मुंबई, लखनऊ और अपने होम टाउन कानपुर में पार्टी करती रहीं थीं। बाद में कोरोना संक्रमण का पता चला जिससे दर्जनों लोगों की जान खतरे में पड़ गई थी।
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17 मार्च से शुरू हुई थी आफत
लंदन से लौटने के बाद कनिका लगातार पार्टी और फंग्शन में शरीक होती रहीं, लेकिन 17 मार्च को कनिका की तबीयत बिगड़ी तो 19 मार्च को उनका ब्लड सैम्पल ले कर टेस्ट के लिए भेज दिया गया जिसमें 20 मार्च को कोरोना की पुष्टि हुई, और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। स्वस्थ होने के बाद भी कनिका ने खुद को 21 दिनों तक क्वारंटीन में रखा, और जैसे ही वो पूरी तरह स्वस्थ हुईं तो पुलिस ने दर्ज मामलों के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्लाज्मा थेरेपी क्या है
दरअसल कोरोना का ना तो अभी तक कोई इलाज है और नाही कोई वैक्सीन बनी है, ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीज जो स्वस्थ हो जाते है उनके ब्लड में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बन जाती है।ऐसे ही कोरोना को मात दे चुके मरीजों के खून से प्लाज्मा निकाला कर दूसरे बीमार मरीज को चढ़ाया जाता है, जिससे बीमार स्वस्थ हो जाता है।
Updated on:
28 Apr 2020 09:27 am
Published on:
28 Apr 2020 09:23 am
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