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Laila Majnu Movie Story 2018: मॉर्डन जमाने के लैला मजनू की ऐसी है प्रेम कहानी

लैला के भाइयों को ये प्रेम रास नहीं आया और उन्‍होंने बेरेहमी से मजनू की हत्या कर दी।

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Rahul Yadav

Sep 05, 2018

Laila Majnu

Laila Majnu

फिल्म निर्माता इम्तियाज अली और एकता कपूर की फिल्म 'लैला मजनू' जल्द ही 7 सितंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। इस मूवी में मॉडर्न लैला मजनू की प्रेम कहानी को दिखाया गया है। फिल्म का दमदार ट्रेलर हाल ही में रिलीज किया गया है, जिसमें अविनाश 'मजनू' और तृप्ति डिमरी 'लैला' के किरदार में नजर आ रहे हैं। वहीं फिल्म की शूटिंग कश्मीर की वादियों में की गई है। इम्तियाज को लैला मजनू की स्टोरी लिखने लगभग दस साल लग गए। इसके बाद वह इसे एक धागे में पिरो पाए हैं।







ऐसी है मॉर्डन प्रेम कहानी
फिल्म 'लैला मजनू' में मॉर्डन जमाने के लैला मजनू की प्रेम कहानी को दिखाया गया है। इसमें अविनाश और तृप्ति दोस्त की शादी में पहुंचते हैं, जहां दोनों के नैना चार हो जाते हैं। इसके बाद इनकी प्रेम कहानी शुरू हो जाती है और बाद में ये एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते हैं। इनकी कहानी को दुनिया की सबसे मशहूर प्रेम कहानियों में शुमार लैला-मजनू के तर्ज पर बुना गया है। इस मूवी के डायरेक्टर इम्तियाज अली के छोटे भाई साजिद अली हैं।







ये है प्रेमी जोड़े की कहानी

दुनिया की सबसे मशहूर प्रेम कहानियों में शुमार लैला-मजनूं के क‍िस्‍से आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं। ये दोनों पाकिस्तान से संबंध रखते थे। सिंध प्रांत के अरबपति शाह अमारी के बेटे कैस उर्फ मजनू को उसी प्रांत की गरीब लड़की लैला से प्रेम हो गया था। ऐसा कहा जाता है कि लैला के भाइयों को ये प्रेम रास नहीं आया और उन्‍होंने बेरेहमी से मजनू की हत्या कर दी। लैला को जब इस बात का पता चला तो वह मजनूं के शव के पास पहुंची और वहीं उसने खुदकुशी कर ली।

हालांक‍ि ये भी सुनने को म‍िलता है क‍ि दोनों एक दूसरे के प्रेम में डूब चुके थे और न‍िकाह करना चाहते थे। लेक‍िन दोनों परिवारों को उनका प्यार ना मंजूर था। दोनों ने इससे तंग आकर अपनी जान दे दी थी। वहीं इत‍िहासकारों का ये मानना है क‍ि लैला-मजनू पाक‍िस्‍तान से भाग कर राजस्थान के श्रीगंगानगर स्थित अनूपगढ़ इलाके में आ पहुंचे जहां प्यास से इन दोनों की मौत हो गई थी और अनूपगढ़ तहसील में इन दोनों प्रेम‍ियों की मजार बनी हुई है। इस मजार को प्रेम का प्रतीक माना जाता है और प्रेम में यकीन रखने वाले लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। साथ ही उनके मजार पर चादर चढ़ाते हैं। वर्ष में एक बार इस मजार पर मेला भी लगता है।