
Lata Mangeshkar Madan Mohan
देश की मशहूर गायिका और स्वर कोकिला लता मंगेशकर जब भी कोई गाना गाया अपनी आवाज से जादू चलाया। लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फिल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। उन्होंने बीते कई दशकों से म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज किया। इस इंडस्ट्री में यूं तो लता के करीबी कई लोग हैं, पर एक शख्स थे जिन्होंने उन्हें अपनी बहन बनाकर राखी बंधवाई थी। ये हैं म्यूजिक डायरेक्टर मदन मोहन। लता और मदन मोहन की मुलाकात पहली बार एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में हुई थी। तब से लेकर मदन मोहन ने आखिरी सांस तक लता से अपना ये रिश्ता निभाया।
मदन मोहन और लता की कहानी
ये किस्सा सन 1948 का है जब लता फिल्म 'आंखें' में नहीं गा सकीं। यतीन्द्र नाथ मिश्र की किताब ‘लता सुर गाथा’ के एक पन्ने में इस कहानी का जिक्र है। दरअसल, लता ने मदन मोहन के साथ अपने रिश्ते की कहानी सुनाते हुए बताया था कि एक बार मदन मोहन लता के घर पहुंचे, उस दिन रक्षाबंधन था।
मदन मोहन इस बात से बेहद दुखी थे कि उनकी पहली फिल्म में लता नहीं थीं। फिर वे लता को घर ले गए और कहा, 'आज राखी है, तो ये लो राखी और मेरी कलाई पर बांधो। मदन मोहन ने लता से कहा कि तुम्हें याद है जब हम पहली बार मिले थे तब हमने भाई-बहन का गीत गाया था। आज से तुम मेरी छोटी बहन और मैं तुम्हारा मदन भैया। आज से तुम अपने भाई की हर फिल्म में गाओगी।'
बड़ी बात ये है कि मदन मोहन के निधन के बाद भी उन्होंने लता से किया हुआ वादा निभाया। दरअसल जब 2004 में फिल्म 'वीर-जारा' में मदन मोहन के कम्पोजिशन को यूज किया गया तब सारे गानें लता मंगेशकर ने ही गाए थे। इसके पहले भी 1975 में मदन मोहन के निधन के बाद रिलीज हुईं तकरीबन 6 फिल्मों में उनका संगीत लिया गया।
Updated on:
06 Feb 2022 11:09 am
Published on:
01 Sept 2018 10:09 am
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