
Naseeruddin Shah
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ( Naseeruddin Shah ) ने हाल ही एक इंटरव्यू में कहा कि मैंने अपने कॅरियर में कभी निराश महसूस नहीं किया। न ही कभी अपने काम के लिए पुरस्कार पाने की उम्मीद की। नेपोटिज्म पर बात करते हुए नसीर ने कहा कि मैं इनसाइडर और आउटसाइडर्स पर चल रही बहस को समझ नहीं पा रहा हूं। मेरी नजर में यह सब बकवास है। एक अभिनेता होने के नाते मैं अपने बेटे को खुशहाल जीवन यापन करने के लिए उसी पेशे में जाने के लिए प्रोत्साहित क्यों नहीं करूंगा? क्या कोई उद्योपति और डॉक्टर ऐसा नहीं करता है? क्या नुसरत फतेह अली खान के वंशजों को गायक नहीं बनना चाहिए। क्योंकि वह एक स्टार थे? हमने देखा है कि कई पीढ़ियों ये चला आ रहा भाई भतीजावाद आपको शुरुआत में काम दिला सकता है, लेकिन बाद में अपने काम के दम पर अपना मुकाम बनाना पड़ता है।
हुनर के दम पर भी मिलता है काम
यह कहा का न्याय है कि मेरे बेटों को बॉलीवुड में मौका नहीं मिले क्योंकि वे मेरे बेटे हैं और लोग उन्हें जानते हैं। उनका लोगों के साथ संपर्क हैं। अगर आप उन्हें पसंद कर रहे हैं तो यह कहें कि उन्हें इसलिए काम मिला क्योंकि वे मेरे बेटे हैं तो यह सच्चाई नहीं है। स्टार्स के बच्चों को अपनी एक्टिंग के दम पर भी काम मिल सकता है। ओमपुरी किसकी सिफारिश से मुंबई आए थे, वह तो एक आउटसाइडर्स थे।
मैंने कभी किसी से कंपीटिशन नहीं किया
नसीर ने कहा कि मैंने ओमपुरी, शबाना आजमी, दिलीप कुमार और स्मिता पाटिल जैसे कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया, लेकिन कभी किसी से कंपीटिशन नहीं किया। ओम पटियाला से आए थे और एक ड्रामा कंपनी में काम करते थे, जहां राज बब्बर, जसपाल और महेन्द्र जैसे कलाकार थे। ओम बहुत ही विन्रम, शर्मीले और शांत किस्म के व्यक्ति थे। मैं जब 21 साल का किशोर था बहुत अच्छी इंग्लिश बोलता था, इ सलिए मुझे बेहतर, दिखावटी वाले किरदार करने का मौका मिला। लेकिन ओम को जो भी कुछ करने को मिलता था तो उसमें परफेक्शन लाने के लिए जी—जान लगा देते थे। उन्होंने हर भूमिका में खुद को साबित किया। मैं बस यही कहना चाहता हूं कि मैंने कभी भी किसी से कंपीटिशन नहीं किया।
Published on:
30 Aug 2020 06:33 pm
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