30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मौत के आखिरी दिनों में देर रात तक बेटे संग ये काम करती थीं नूतन, अब बेटा नहीं देखता उनकी फिल्में…

आज Nutan की Death Anniversary है।आइए आज जानते हैं की पर्सनल लाइफ में वह कैसी थीं।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Riya Jain

Feb 21, 2019

Nutan Death Anniversary: Nutan Death lifestory

Nutan Death Anniversary: Nutan Death lifestory

बॅालीवुड इंडस्ट्री में कदम रखने वाली पहली Miss India रह चुकी नूतन अपने जमाने की प्रतिष्ठित अदाकाराओं में से एक हैं। उन्होंने खूबसूरती के साथ-साथ अपनी शानदार अदाकारी से भी फैंस के दिलों में एक खास जगह बना ली थी। आज Nutan की Death Anniversary है। उनके बेटे mohnish behl भी बॅालीवुड के पॅापुलर एक्टर हैं। नूतन ने अपनी बेहतरीन फिल्मों से सिनेमाजगत में एक खास छाप छोड़ी है। मोहनीश ने एक पुराने इंटरव्यू में नूतन को लेकर कई बातें बताई थीं। नूतन की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में तो हम सब जानते हैं, आइए आज जानते हैं की पर्सनल लाइफ में वह कैसी थीं।

READ MORE: Total Dhamaal Box Office Collection Day 1

मोहनीश ने बताया, 'मैं उनकी फिल्में ज्यादा नहीं देखता। क्योंकि जितना मैं देखूंगा उतना ही उन्हें मिस करुंगा। और उन्होंने काफी गंभीर फिल्में भी की हैं। जिससे मैं ज्यादा आइडेंटीफाई नहीं कर पाता। मैं उन्हें पर्दे पर ही सही, लेकिन तकलीफ सहते हुए नहीं देख सकता। मेरी मां एक प्रशिक्षित क्लासिकल डांसर थीं। मैं उनके तमाम शोज पर जाता था। कई बार कश्मीर जैसी जगहों पर आउटडोर शूटिंग होती थी तब भी मैं उनके साथ जाता था। मुझे देव साहब, राज अंकल और सुनील दत्त साहब के साथ उनकी जोड़ी अच्छी लगती है।'

नूतन के आखिरी दिनों के बारे में बात करते हुए मोहनीश ने बताया, 'वो बेहद बहादुर और आध्यातिमक थीं। कैंसर जैसी बीमारी का उन्होंने बहादुरी से सामना किया। जब उन्हें कैंसर का पता चला तो वो मायूस नहीं हुईं। उन्होंने कैंसर से पहली जंग जीत भी ली थी। लेकिन उसके बाद कैंसर ने उनके लिवर पर आक्रमण किया। हमने जब दोबारा डॉक्टर से जांच कराई तब तक वो काफी फैल चुका था और वो बच ना पाईं।'

मोहनीश ने अपने कॅरियर के बारे में बात करते हुए कहा,' उन्होंने मेरी फिल्में 'मैंने प्यार किया' और 'बागी' देखीं। उन्हें मेरा काम पसंद आया। तब भी वो मेरी हिम्मत बढ़ाती रहती थीं। रात के डेढ़-दो बजे तक हम मां-बेटे साथ में बैठे रहते। उन्होंने मुझे एक ही शिक्षा दी थी कि कैमरे के सामने हमेशा ईमानदार रहना और हमेशा जो दिल में हो वही करना। मैं भी अपने बच्चों को यही सलाह देता हूं।'