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मैं कभी किसी महिला के शरीर को बुरी नजर से नहीं देखती: पूजा भट्ट

'जिस्म' जैसी फिल्म फ्रेंचाइजी के निर्माण से लेकर 'कैबरेट' जैसी फिल्म तक फिल्म निर्माता पूजा भट्ट 1990 से भारतीय सिनेमा में महिला की छवि की नई परिभाषाएं गढ़ती आ रही हैं....

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मुंबई

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Bhup Singh

Jan 30, 2019

Pooja Bhatt

Pooja Bhatt controversy

'जिस्म' जैसी फिल्म फ्रेंचाइजी के निर्माण से लेकर 'कैबरेट' जैसी फिल्म तक फिल्म निर्माता पूजा भट्ट 1990 से भारतीय सिनेमा में महिला की छवि की नई परिभाषाएं गढ़ती आ रही हैं। उनका कहना है कि महिला की कामुकता और सुंदरता का इस्तेमाल वह कभी असभ्य तरीके से नहीं करतीं। पूजा ने कहा, 'फिल्म उद्योग में अभिनेत्री के तौर पर कॅरियर शुरू करने के बाद से मैंने विजुअल्स की ताकत को महसूस किया। इसलिए मैं हमेशा सबसे पहले अपनी खुद की संवेदनशीलता और फिर दुनिया की संवेदनशीलता का उपयोग करती हूं।'

मेरा सेंसर बोर्ड मेरा अपना दिल
वरिष्ठ फिल्म निर्माता महेश भट्ट की बेटी ने आगे कहा, 'मेरा सेंसर बोर्ड मेरा अपना दिल और दिमाग है। हमारे दर्शक कह सकते हैं कि मेरी फिल्म में महिलाएं बोल्ड और कामुक होती हैं, लेकिन वे कभी असभ्य नहीं होतीं। मैं कभी किसी महिला के शरीर को बुरी नजर से नहीं देखती, चाहे वह निर्वस्त्र ही क्यों न हो।' अपनी फिल्मों में महिला को कास्ट करने के सवाल पर 'दिल है कि मानता नहीं' की अभिनेत्री ने कहा, 'मेरा पैमाना एकता कपूर से बहुत अलग है, जिसे आप 'रागिनी एमएमएस 2' और 'जिस्म 2' में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।'

मैं सिर्फ पुरुष दर्शकों के लिए नहीं
उन्होंने कहा, 'मैं उनका उदाहरण इसलिए ले रही क्योंकि वे सफल हैं और मेरे मन में उनके लिए सम्मान है। दोनों फिल्मों का निर्माण महिलाओं ने किया और दोनों फिल्मों की अभिनेत्री सन्नी लियोनी ही हैं। लेकिन उनका प्रस्तुतिकरण बहुत अलग है।' उन्होंने कहा, 'ऐसा शायद इसलिए है, क्योंकि हम दोनों एक ही खिड़की से बाहर देख सकते हैं, लेकिन चीजों को अलग तरीके से देखते हैं। मैं सिर्फ पुरुष दर्शकों के लिए ही नहीं, बल्कि महिला दर्शकों के लिए भी फिल्म बनाती हूं। इसीलिए मैंने रणदीप हुड्डा को भी इसी तरह पेश किया जैसा कि मैंने 'जिस्म 2' में किया।'

महिला को उसका किरदार ज्यादा कामुक बनाता है
पूजा मानती हैं कि पर्दे पर बदन दिखाने से ज्यादा किरदार की प्रस्तुति एक महिला को ज्यादा कामुक बनाती है। उन्होंने कहा,'पहले की फिल्मों में कोई नग्नता नहीं होती थी तो लोगों को 'फिर तेरी कहानी याद आई' बहुत कामुक क्यों लगी? क्योंकि वह ऐसा किरदार था, जिसे मैंने निभाया था और फिल्म निर्माता मुझे उस तरीके से प्रस्तुत किया गया था।' एक निर्माता के तौर पर पूजा 'सुर : द मेलोडी ऑफ लाइफ', 'जिस्म', 'पाप' और 'रोग' जैसी फिल्में बना चुकी हैं।