
Rajesh Khanna: Stardom of legendary Bollywood actor
मुंबई। राजेश खन्ना एक कलाकार नहीं बल्कि सुपरस्टार थे। वो स्टार जिनकी दुनिया दीवानी थी। लड़कियां जिनकी एक झलक पाने के लिए तरसती रहती थीं। राजेश खन्ना का सुपरस्टारडम भले ही ज्यादा लंबा नहीं चला लेकिन जिस कदर उस छोटे से दौर में लोगों ने उन्हें चाहा, उन्हें लेकर जो दीवानगी थी, वैसी शायद हिंदी फिल्मों के किसी अभिनेता को नसीब नहीं हुई।
राजेश खन्ना लड़कियों के बीच बेहद लोकप्रिय हुए। उनसे जुड़े कई किस्से हैं। कहा जाता है कि लड़कियों ने उन्हें ख़ून से ख़त लिखे, उनकी तस्वीरों के साथ ब्याह रचाए, अपने हाथ पर उनका नाम गुदवा लिया। कहा जाता है कि कई लड़कियां तो अपने तकिये के नीचे उनकी तस्वीर रखा करती थीं। राजेश खन्ना की सफेद रंग की कार जहां रुकती थी, लड़कियां उस कार को ही चूम लेती थीं। लिपस्टिक के निशान से सफेद रंग की कार गुलाबी रंग की हो जाती थी। कहा जाता है की राजेश खन्ना के कार की धूल से लड़कियां मांग भरा करती थीं।
बहुत कम लोग जानते हैं कि राजेश खन्ना का वास्तविक नाम जतिन खन्ना था। निर्माता-निर्देशक उनके घर के बाहर कतार लगाए खड़े रहते थे और मुंहमांगी क़ीमत पर उन्हें अपनी फिल्मों में लेना चाहते थे। साल 1969 से साल 1975 के बीच राजेश सुपरहिट रहे और उन्होंने कई हिट, सुपरहिट फिल्में दीं। उस दौर में जब भी लोगों के घरों में लड़के पैदा हुए थे तो कई लोगों ने उनके नाम राजेश रखे थे। वैसे राजेश खन्ना को इंडस्ट्री में काका के नाम से भी जाना जाता है। जब राजेश खन्ना सुपरस्टार थे तब एक कहावत बड़ी मशहूर थी- 'ऊपर आका और नीचे काका।' आपको बता दें कि राजेश की पहली फिल्म का नाम ‘आखिरी खत’ था, जो साल 1966 में रिलीज हुई थी।
राजेश खन्ना ने तक़रीबन 163 फ़िल्मों में काम किया। इनमें से 128 फ़िल्मों में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई। जबकि अन्य फ़िल्मों में भी उनका किरदार बेहद अहम रहा। उन्होंने 22 फ़िल्मों में दोहरी भूमिकाएं कीं। उन्हें तीन बार फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाज़ा गया। ये पुरस्कार उन्हें फ़िल्म सच्चा झूठा (1971), आनंद (1972) और अविष्कार (1975) में शानदार अभिनय करने के लिए दिए गए। उन्हें 2005 में फ़िल्मफ़ेयर के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया।
Published on:
20 Jul 2021 03:09 pm
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