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हिट एंड रन: एक मौत,13 साल चला केस, पहले सजा फिर बरी

13 साल पुराने मामले में लंबी सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने इसी साल मई में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई थी

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Shakti Singh

Dec 10, 2015

salman khan

salman khan

मुंबई। शराब के नशे में धुत्त होकर फुटपाथ पर सो रहे मजदूरों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में सलमान खान बरी हो गए। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के आदेश को पलटते हुए सलमान को सभी आरोपों से बरी कर दिया। कोर्ट ने कहाकि पुलिस किसी भी आरोप को साबित नहीं कर पाई। 13 साल पुराने मामले में लंबी सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने इसी साल मई में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई थी। सलमान खान ने उसी दिन हाईकोर्ट से जमानत ले ली और सजा को चुनौती दी थी।

क्या हुआ था उस रात
सलमान खान 28 सितंबर 2002 की रात को जुहू स्थित जेडब्ल्यू मैरियट होटल से बांद्रा स्थित अपने घर आ रहे थे। उनके साथ बॉडीगार्ड रवीन्द्र पाटिल और सिंगर कमाल खान थे। बांद्रा में हिल रोड स्टेशन पर अमरीकन एक्सप्रेस बेकरी के पास उन्होंने अपनी सफेद रंग की टोयोटा लैंड क्रूजर कार को फुटपाथ पर चढ़ा दिया। इसमें एक व्यक्ति की मौके पर मौत हो गई जबकि चार अन्य घायल हो गए। फुटपाथ पर सो रहे लोग एवन बेकरी के कर्मचारी थे। हादसे के बाद सलमान मौके से फरार हो गए। रवीन्द्र पाटिल ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। उसने बताया कि हादसे के वक्त सलमान ही गाड़ी चला रहे थे। दूसरे दिन सुबह सलमान ने सरेंडर कर दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, बाद में उन्हें जमानत मिल गई। उनके खून के नमूने लिए गए। जांच में सामने आया कि सलमान ने शराब पी रखी थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर 19 लाख रुपये मुआवजा सलमान ने दिया। इनमें से 10 लाख रुपये मृतक नुरुल्लाह के परिवार को दिए गए।

13 साल चला केस
2002 में शुरु हुए इस केस पर फैसला 13 साल बाद मई 2015 में आया। हादस के तीन दिन बाद सलमान पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। सात अक्टूबर को सलमान ने सरेंडर कर दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 21 अक्टूबर को पुलिस ने चार्जशीट पेश की और तीन दिन बाद सलमान को जमानत दे दी गई। गैर इरादतन हत्या की धारा के खिलाफ सलमान ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्जी लगाई जिस पर कोर्ट ने इस धारा को जोडऩे को गलत बताया। चार महीने बाद महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसल के खिलाफ अपील की। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सलमान को झटका देते हुए मजिस्ट्रेट कोर्ट पर धारा लगाने का फैसला छोड़ दिया। इस मामले में कुल 27 गवाहों समेत 11 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए। जिनमें पुलिस कांस्टेबल रवीन्द्र पाटिल, हादसे के पास डेयरी चलाने वाले रमेश राय पांडे मुख्य थे। 2007 में मुख्य गवाह रवीन्द्र पाटिल की टीबी के चलते मौत हो गई।

2011 में केस मजिस्ट्रेट कोर्ट से सेशन कोर्ट में ट्रांसफर हो गया। तीन साल बाद 2014 में सलमान खान पर आरोप तय किए गए। सालभर बाद सलमान खान का बयान दर्ज किया गया। 27 मार्च को मामले में नया पेंच उस समय आया जब सलमान के वकील अशोक ने कहाकि गाड़ी वह चला रहा था। लेकिन कोर्ट ने इसे गलतबयानी माना। 6 मई 2015 को सेशन कोर्ट ने सलमान को पांच साल की सजा सुना दी। इस दिन उन्हें दो दिन की जमानत मिल गई और तीन दिन बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने सजा के फैसले पर रोक लगा दी। छह महीने बाद फैसला देते हुए हुए हाईकोर्ट ने सलमान को बरी कर दिया।

टाइमलाइन
हादसे के दिन ही सलमान खान गिरफ्तार और उसी दिन जमानत मिली
एक अक्टूबर को गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज
सात अक्टूबर सलमान ने सरेंडर किया और बाद में गिरफ्तार
21 अक्टूबर 2002 को मुंबई पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की
24 अक्टूबर 2002 को सलमान को जमानत मिली
10 जून 2003 को सलमान ने गैर इरादतन की धारा के खिलाफ अर्जी दी, बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत
छह अक्टूबर को महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, सलमान को झटका
10 अक्टूबर 2006 सलमान खान के खिलाफ आरोप तय
2007 एफआईआर दर्ज कराने वाले पुलिस कांस्टेबल और सलमान के बॉडीगार्ड रवीन्द्र पाटिल की मौत
2011 में केस मजिस्ट्रेट केस से सेशन कोर्ट ट्रांसफर
24 जुलाई 2014 को सेशन कोर्ट में आरोप तय किए गए
27 मार्च 2015 को सलमान का बयान दर्ज
31 मार्च को सलमान के ड्राइवर ने कहा, गाड़ी वह चला रहा था
6 मई 2015 को सलमान खान को दोषी करार दिया गया और पांच साल की सजा सुनाई गई
आठ मई 2015 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने पांच साल की सजा पर रोक लगाई और जमानत दी
12 दिसंबर 2015 को हाईकोर्ट ने सलमान खान को बरी कर दिया

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