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Sushant case: Sushant Singh की मौत के बाद संदीप सिंह की क्यों होती थी एंबुलेंस ड्राइवर से बात, निर्माता के मैनेजर ने बताई इसकी सच्चाई

सुशांत (Sushant Singh)के शव को कपूर हॉस्पिटल ले गया था संदीप सिंह ( Sandip SSingh)ने 14 जून से 16 जून 2020 तक कई बार एंबुलेंस ड्राइवर से फोन पर बातचीत की।

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sushant singh rajput friend sandeep singh

sushant singh rajput friend sandeep singh

नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत(Sushant Singh Rajput death) के मामले में होने वाले खुलासे अब इस केस को नया मोड़ दे रहे है। हर रोज हो रहे खुलासों से जो चौकां देने वाले तथ्य सामने आ रहे है उसे देख अब सीबीआई(CBI) के सामने भी कई बड़े सवाल उठ रहे है। अभी हाल ही में जांच के दौरान ऐसा मामला खुलकर सामने आया है कि अब सीबीआई की नजर इस मामले की तह तक पंहुचने में जुट गई है। अब जो मामला सामने आया है वो सुशांत के दोस्त और निर्माता संदीप सिंह (sushant singh rajput friend sandeep singh) से जुड़ा हुआ है जिसने 14 जून को सुशांत का शव कपूर हॉस्पिटल भेजने के लिए एंबुलेंस का इतंजाम करवाया था लेकिन सुशांत के शव को भेजने के बाद वो 16 जून 2020 तक लगातार एंबुलेंस ड्राइवर के संपर्क में थे। और फोन पर दोनो के बीच कई बार बातचीत होती रही हैं।

अब सदींप सिंह के ऊपर सवाल उठ रहे है कि आखिर ऐसा क्या था कि एंबुलेंस ड्राइवर से उन्हें बार बार बात करने की जरूरत पड़ रही थी। जब यह मामला तेजी से उठने लगा तो निर्माता संदीप के पीआर मैनेजर दीपक साहू (Sandeep singh manager deepak Sahu) ने सोशल मीडिया पर इस बारे में सफाई देते हुए बताया, कि आखिर क्यों संदीप को एंबुलेंस ड्राइवर की ओर से कॉल्स आए थे।

संदीप के मैनेजर ने एक ट्वीट के जरिए इस बात पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संदीप का एंबुलेंस ड्राइवर से बार बार बात करना एक सामान्य बात थी, क्योंकि वो सुशांत की बहन मीतू सिंह(sushant singh rajput sister mitu) को उनके भाई से जुड़ी औपचारिकताओं के बारे बताकर उनकी मदद कर रहे थे। इसके अलावा, पुलिस ने ही संदीप के नंबर से जुड़े कॉल की छानबीन करते समय एंबुलेंस ड्राइवर का नंबर पाया था जिसके बाद से उसके फोन उनके पास आने लगे थे।

संदीप के मैनेजर ने यह भी बताया कि संदीप का फोन उनके पास ना रहकर मेरे पास रहता था। और एंबुलेंस ड्राइवर का भुगतान समय पर ना किए जाने से वो बार बार पैसे को लिए ही फोन करता था। इसके बाद इसका बकाया भुगतान 22 जून, 2020 को कर दिया गया था।

दीपक साहू लिखते हैं, 'संदीप के दोस्त होने के नाते सुशांत की बहन मीतू सिंह (sushant singh rajput sister mitu) की मदद कर रहे थे। इस मामले को बड़ा बनाकर लोग इसे बड़ा रूप दे रहे हैं। ये नंबर ड्राइवर को पुलिस ने ही साझा किया था।'