24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

झारखंड की सीमा को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मिली स्कॉलरशिप, प्रियंका चोपड़ा ने की जमकर तारीफ

झारखंड की सीमा ने विश्व के सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप हासिल की है। सीमा के माता-पिता खेतों के साथ-साथ एक धागा कारखाने में काम करते हैं।

2 min read
Google source verification
priyanka_chopra.jpg

Priyanka Chopra

नई दिल्ली। झारखंड की बेटी सीमा आज हर तरह छाई हुई है। दुनियाभर में उसकी तारीफ हो रही है। और हो भी क्यों न। क्योंकि सीमा ने विश्व के सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप जो हासिल की है। ऐसे में हर कोई सीमा की जमकर तारीफ कर रहा है। बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा और महानायक अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा ने भी सीमा की काफी सराहना की है।

एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर सीमा की कहानी को शेयर किया है। इसके साथ ही, उन्होंने एक स्पेशल मैसेज भी लिखा है। प्रियंका ने ट्विटर पर भी सीमा की कहानी को शेयर किया है। एक्ट्रेस लिखती हैं, "एक लड़की को शिक्षित करें और वह दुनिया को बदल सकती है ... ऐसी प्रेरणादायक उपलब्धि। ब्रावो सीमा मैं यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकती कि आप आगे क्या करती हो।" प्रियंका का ये ट्वीट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग उनके ट्वीट को खूब रिट्वीट कर रहे हैं।

प्रियंका के अलावा महानायक अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा ने भी सोशल मीडिया पर सीमा की प्रशंसा की। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर सीमा की कहानी को शेयर करते हुए लिखा, 'अविश्वसनीय'।

बता दें कि सीमा रांची के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। उनके मां-बाप अनपढ़ हैं। वो खेती का काम करते हैं। साथ ही, एक धागा कारखाने में भी काम करते हैं। साल 2012 में सीमा ने युमका में फुटबॉल टीम में शामिल होने के बाद सीमा ने शिक्षा के अधिकार और बाल विवाह के खिलाफ जंग छेड़ी। शॉर्ट्स पहने को लेकर उनका मजाक भी उड़ाया गया। लेकिन इन बातों की परवाह किए बिना सीमा सालों तक फुटबॉल खेलती रहीं। वह एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाली अपने परिवार की पहली महिला होगीं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की गिनती विश्व के सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में होती है। इस बार ज्यादा संख्या में अप्लीकेशन होने के कारण यूनिवर्सिटी ने केवल केवल 3.4% को मौका दिया। इसके बावजूद सीमा स्कॉलरशिप हासिल करने में कामयाब रहीं।