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असल मां से अनजान ये बॉलीवुड हस्ती मजबूरी में बनी बारगर्ल, 17 की उम्र में खोई वर्जीनिटी, आज हैं इंडस्ट्री का बड़ा नाम

आशिकी 2' जैसी हिट फिल्म की कहानी लिखने वाली शगुफ्ता रफीक को भले ही कम लोग जानते हैं, लेकिन निजी जीवन की कहानी उतनी ही ज्यादा दुखभरी है....

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मुंबई

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Bhup Singh

Jan 20, 2020

Shagufta Raqfique

Shagufta Raqfique

बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया कई सितारों को रास आती है तो कई सक्सेस पाने के लिए इस हद तक नीचे गिर जाते हैं कि बाद में उन्हें पछतावा होता है। ये जरूरी नहीं है जो स्टार्स पर्दे पर हंसते खेलते दिखते हैं वे निजी जिंदगी में भी वैसे ही हो। ग्लैमर वर्ल्ड सिर्फ दिल बहलाने का संसार होता है। जहां स्टार्स को खुद के पैर जमाने के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ता। आइए जानते हैं ऐसे कई स्टार्स संघर्ष भरी कहानी।

17 साल की उम्र में बनी प्रोस्टिट्यूट
'आशिकी 2' जैसी हिट फिल्म की कहानी लिखने वाली शगुफ्ता रफीक को भले ही कम लोग जानते हैं, लेकिन निजी जीवन की कहानी उतनी ही ज्यादा दुखभरी है। खुद शगुफ्ता ने एक बार इंटरव्यू के दौरान बताया था कि जब वो केवल साढ़े सत्रह साल की थीं तभी वह वेश्या बन गई थी। क्योंकि उस समय वे आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं। उन्होंने कहा कि एक अजनबी के साथ अपनी वर्जीनिटी खोना बहुत ही दर्दनाक होता है।

बुरा बोलते थे लोग
अभिनेत्री ने बताया था कि जब वह 27 की हो गई थी तब भी वह एक प्रोस्टिट्यूट की तरह रहती थी। जबकि उनकी मां को इन सारी बातों का पता था। उन्होंने बताया कि यह मेरी मुंह बोली मां थी, दरअसल जन्म देने वाली मां को तो वे जानती भी नहीं थी।

मजबूरी में छोड़ा था स्कूल
उन्होंने बताया कि कहा जाता है कि मैं किसी ऐसी मां की बेटी हूं जिसने किसी अमीर आदमी के साथ संबंध बनाए और पैदा करने मुझे छोड़ दिया। कुछ का कहना है कि मेरे पैरेंट्स झोपड़-पट्टी में रहते थे और उन्होंने मुझे फेंक दिया। जब मैं दो साल की थी तब उस समय सईदा की शादी बृज साहब के साथ हुई। अक्सर जब लोग मुझे अनवरी बेगम के साथ देखते थे तो कहते थे कि नानी के साथ जा रही हो। शगुफ्ता ने बताया कि बचपन से ही लोग उन्हें बुरा बोलते थे। इन्ही वजहों से मैं क्रूर हो गई और स्कूल भी छोड़ दिया। मैं लोगों से हर समय लड़ती रहती थी।

छोटी उम्र ही पार्टियों में नाचती थी
अनवरी बेगम जो हमेशा मेरे साथ रहीं उनके दूसरे पति का नाम मुहम्मद रफीक था और इसी वजह से मैं शगुफ्ता रफीक बन गई। वे हमेशा मुझे नफरत करते थे क्योंकि वे नहीं जानते थे कि मैं कौन हूं। लेकिन मैं और अनवरी दोनों ही मुहम्म्द साहब पर निर्भर थीं। उन्होंने बताया कि जब मैं 12 साल की थी तो पार्टियों में नाचना शुरू कर दिया था। इन पार्टियों में अमीर लोग कॉलगर्ल के साथ आते थे। 17 साल की उम्र तक मैंने यही सब किया।

2002 में महेश भट्ट से हुई मुलाकात
शगुफ्ता का कहना है कि वे ज्यादा पैसा कमाने के लिए दुबई भी गई। लेकिन उनकी मां के बीमार पड़ने से उन्हें मुंबई वापस लौटना पड़ा। यहां 2002 में उनकी मुलाकात फिल्ममेकर महेश भट्ट से हुई और उन्होंने उनसे स्क्रिप्ट लिखने की इच्छा जाहिर की। आखिरकार मुझे 2006 के बाद फिल्म 'कलयुग' फिल्म में दो सीन लिखने का मौका मिला। जिसको मोहित सूरी ने बनाया था। इसके बाद मैं अपनी पुरानी जिंदगी को भूल गई और पिछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद शगुफ्ता ने कई फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी हैं। जिनमें 'वो लम्हें', 'आवारापन', 'राज-2', 'जिस्म', 'मर्डर-2', 'राज-3', 'आशिकी 2' जैसी फिल्में शामिल हैं।


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