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Happy Birthday : ‘संस्कारी’ फिल्में करोड़ों कमा सकती हैं, इसकी जीती—जागती मिसाल हैं सूरज बड़जात्या

साथ सुथरी मनोरंजक फिल्में बनाकर दर्शकों के दिलों में खास पहचान बनायी है। सूरज का राजस्थान से खास कनेक्शन है।

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Pawan Kumar Rana

Feb 21, 2018

Rajshree Productions

Rajshree Productions

मुंबई। बदलते दौर में ज्यादातर फिल्म निर्माताओं का कहना होता है कि अब लोग संस्कारी फिल्मों से परहेज करते हैं और ऐसी फिल्में घाटे का सौदा साबित होती हैं। ऐसे निर्माताओं को आईना दिखाते हैं बॉलीवुड के सफलतम फिल्मकार सूरज बड़जात्या। बॉलीवुड में सूरज बड़जात्या को एक ऐसे फिल्मकार के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने पारिवारिक और साथ सुथरी मनोरंजक फिल्में बनाकर दर्शकों के दिलों में खास पहचान बनायी है। सूरज का राजस्थान से खास कनेक्शन है। असल में सूरज मारवाड़ी हैं और उनके दादा राजस्थान से थे।

सूरज के दादा का नाम ताराचंद बड़जात्या है। 10 मई 1914 में ताराचंद का जन्म राजस्थान के कुचामन सिटी में हुआ। ताराचंद ने पढ़ाई कोलकाता में की। इसके बाद उन्होंने मूवी मेकिंग में कदम रखा। 1960 से 1980 के बीच उन्होंने कई हिट फिल्में दीं। इसी बीच 1947 में उन्होंने राजश्री प्रोड्क्शन की स्थापना की। इस बैनर के तले बनी फिल्मों ने कमाई के रिकॉर्ड बनाए। 1992 में ताराचंद बड़जात्या का देहांत हो गया। इसके बाद उनके पोते सूरज बड़जात्या ने राजश्री की कमान संभाली और एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर मूवीज भारतीय सिनेमा को दी।

22 फरवरी 1964 को मुंबई में जन्में सूरज बड़जात्या ने अपने करियर की शुरुआत बतौर निर्देशक वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म 'मैंने प्यार किया' से की। रोमांटिक प्रेम कथा पर बनी फिल्म 'मैंने प्यार किया' में सलमान खान और भाग्यश्री की जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। वर्ष 1994 में सूरज बडज़ात्या ने अपने प्रिय अभिनेता सलमान खान को लेकर हम 'आपके हैं कौन' बनायी। इस फिल्म में सलमान के अपोजिट माधुरी दीक्षित थी। पारिवारिक पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में सलमान खान और माधुरी दीक्षित की जोड़ी काफी पसंद की गई। फिल्म ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये और ऑल टाइम ग्रेटेस्ट हिट्स में शुमार हो गई।

वर्ष 1999 में सूरज बड़जात्या ने अपनी महात्वकांक्षी फिल्म 'हम साथ साथ हैं' का निर्देशन किया। इस फिल्म में सलमान खान, सैफ अली खान , मोहनीश बहल, तब्बू, सोनाली बेन्द्रे और करिश्मा कपूर ने मुख्य भूमिका निभायी थी। पारिवारिक पृष्ठभूमि पर बनी यह मल्टीस्टारर फिल्म भी सुपरहिट साबित हुई।

वर्ष 2003 में सूरज बड़जात्या ने 'मैं प्रेम की दीवानी हूँ' का निर्देशन किया। यह फिल्म उनके दादा ताराचंद बड़जात्या के बैनर राजश्री प्रोडक्शन के तले बनी 'चितचोर' की रिमेक थी। 'मैं प्रेम की दीवानी हूँ' में ऋतिक रौशन, अभिषेक बच्चन और करीना कपूर ने मुख्य भूमिका निभायी थी लेकिन यह फिल्म टिकट खिड़की पर बेअसर साबित हुई।

वर्ष 2006 में प्रदर्शित फिल्म 'विवाह' सूरज बडज़ात्या के करियर की एक और हिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में शाहिद कपूर और अमृता राव ने मुख्य भूमिकायें निभायी थी। इस फिल्म के बाद सूरज बड़जात्या ने फिल्म निर्देशन करना बंद कर दिया। वर्ष 2007 में सूरज बड़जात्या ने सोनु सूद और इशा कोपीकर को लेकर 'एक विवाह ऐसा भी' बनायी। यह फिल्म भी राजश्री बैनर तले बनी फिल्म 'तपस्या' की रिमेक थी। हालांकि 'एक विवाह ऐसा भी' को 'तपस्या' जैसी कामयाबी हासिल नहीं हो सकी।

सूरज बड़जात्या ने करीब आठ साल के बाद एक बार फिर से फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा। सूरज ने सलमान खान को लेकर वर्ष 2015 में प्रदर्शित फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' बनायी। फिल्म में सलमान खान और सोनम कपूर ने मुख्य भूमिका निभायी थी। फिल्म ने 200 करोड़ से अधिक की कमाई की।