मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के एक सदस्य ने सिद्धार्थ पिठानी के बयान को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ गलत बोल रहे हैं। सच तो यह है कि कोरोना (Covid-19) के कारण परिवार के लोग 14 जून की शाम को दिल्ली से मुंबई (Mumbai) पहुंचे थे। उस वक्त तक सुशांत की बॉडी को कूपर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा चुका था।
इसके साथ ही परिवार के सदस्य ने कहा कि ये जानकार हैरानी होती है कि उस दिन चाबी खो गई थी। जबकि वहां हर सदस्य मौजूद था। उन्होंने आगे कहा कि यह जानकर भी हैरानी हुई कि चाबी वाले को बुलाया जाता है लेकिन उसे अंदर नहीं जाने दिया जाता। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ पिठानी घर से काम किया करता था। बाद में वह रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) के वीडियोज़ एडिट कर उन्हें इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया करता था। रिया उसे बुद्धा यूजरनेम से टैग भी किया करती थी।
आपको बता दें कि 14 जून के दिन सुशांत सिंह राजपूत अपने घर में मृत पाए गए थे। उस वक्त घर में सिद्धार्थ पिठानी, दीपेश सावंत, कुक नीरज के अलावा स्टाफ का एक और सदस्य मौजूद था। नीरज ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा था कि उसने सुबह 10 बजे के करीब सुशांत को जूस दिया था, जिसके बाद वह अपने कमरे में चले गए थे। लंच के लिए जब दोबारा गेट नॉक किया गया तो सुशांत ने दरवाजा नहीं खोला और काफी देर होने के बाद चाबी वाले को बुलाया गया। जिसने ताला तोड़ा। लेकिन उसके दरवाजा खोलने से पहले ही उसे भेज दिया गया। इसके बाद सिद्धार्थ पिठानी सबसे पहले कमरे के अंदर गया और उसने सुशांत को पंखे से लटके देखा।