डिप्रेशन का शिकार हो गई थी ताहिरा
ताहिरा ने आगे बताया कि जब वह किसी डॉक्टर के यहां जाती तो उन्हें चिकित्सकीय तौर पर डिप्रेस्ड घोषित कर दिया जाता था। ऐसे में डॉक्टर के पास न जाने का निर्णय लिया लेकिन वह उनके लिए और मुसीबत बन गया क्योंकि वह हर रोज रात को रोती रहती। इस कारण से वह दोहरी जिंदगी जीने को विवश हो गई थीं।
बौद्ध जप का अभ्यास कर बेहतर हुई
कठीन दिनों को को याद करते हुए ताहिरा ने कहा, उन दिनों में जब मेरे पति आयुष्मान शूटिंग पर जाते तो मैं रात को रोते हुए घंटों बिता देती थी, और सुबह एक खुशहाल व्यक्ति की तरह सामने खड़ी हो जाती थी ताकि मैं अपने दो और चार साल के मासूम बच्चों से सामने एक हारे हुए व्यक्ति की तरह न दिखूं। लेकिन कुछ वक्त बाद मेरा स्वास्थ्य बेहतर होने लगा जब मैंने बौद्ध जप का अभ्यास करना शुरू कर दिया और खुद की बेहतर देखभाल करने लगी। उन्होंने कहा कि मैंने बौद्ध जप का अभ्यास करने के बाद ही अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया था कि चीजें बदल गईं।