आज हम आपको राजकुमार राव के स्ट्रगल की ऐसी बातें बताएंगे, जिससे आपको सिर्फ और सिर्फ प्रेरणा ही मिलेगी। आपको समझ आएगा कि कुछ बड़ा करने के लिए किस तरह मुश्किल दौर से गुजरने पड़ते हैं और होसला अगर बुलंद हो, तो मंजिल जरूर मिलती है।
हाल ही में राजकुमार राव ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए बताया कि, जब वो फिल्मों में काम पाने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे तो उन्हें अनेकों बार रिजेक्शन का दर्द झेलना पड़ा था। कई बार उन्हें ये कहकर रिजेक्ट कर दिया जाता था कि वो काले हैं और उनकी भौहें बहुत ही ज्यादा बदसूरत हैं। हालांकि कई बार उन्हे छोटे-मोटे विज्ञापनों में काम मिल जाया करते थे जिसमें कई लोगों में वो 10वें नंबर पर होते थे। उन्होंने जितने भी विज्ञापनों में काम किया, उनमें से ज्यादातर तो ऑडियंस को याद भी नहीं होंगे। इस तरह छोटे-मोटे रोल करके वो महीने के करीब 10 मुश्किल से कमा पाते थे। लेकिन फिर भी कई बार उन्हें भूखे रह जाना पड़ता था, तो कई बार सिर्फ बिस्किट खाकर ही दिन गुजारने पड़ते थे।
इंटरव्यू के दौरान राजकुमार राव ने बताया था कि, “उन दिनों मैं दोस्तों के साथ खाना शेयर किया करता था। मैं हर वक्त ऑडिशन के लिए इधर-उधर भटकता रहता था। मेरे पास कोई प्लान बी नहीं था। मैं ढेरों असिस्टेंट डायरेक्टर्स और कास्टिंग डायरेक्टर्स से मुलाकात करता था। ऑडिशन लेने वाले लोग मुझे छोटे-मोटे रोल दे देते थे और मैं उन्हें बड़े रोल के लिए मनाने की कोशिश करता था, लेकिन कोई मानता नहीं था। फिर भी मुझे भरोसा था कि कोई न कोई मेरा टैलेंट जरूर परखेगा।
दरअसल राजकुमार राव शाहरुख खान को अपना रोल मॉल मानते थे। ऐसे में उन्हें पूरा यकीन था कि जब बाहर से आकर शाहरुख खान इतनी बड़ी कामयाबी हासिल कर सकते हैं तो फिर वो क्यों नहीं। राजकुमार राव को अपने एक्टिंग हुनर पर पूरा भरोसा था और इसी की वजह से वो मुंबई भी आए। एक्टर ने अपनी पहली फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा कि, “मुझे आज भी याद है कि किस तरह मैं अतुल मोंगिया से लगातार पूछता रहा था, जब तक कि उन्होंने मुझे ‘लव सेक्स और धोखा’ के ऑडिशन के लिए बुला नहीं लिया। मैंने 3-4 टेस्ट दिए। एक हफ्ता निकल गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया और फिर वो दिन भी आया, जब मेरे अब तक किए हुए स्ट्रगल का नतीजा मुझे मिला।
राजकुार राव ने आगे बताया कि, “मैं घर पर अकेला था, जब मुझे मेरी जिंजगी का सबसे अहम फोन आया। वो शब्द थे- ‘हो गया है। यू गॉट द फिल्म।’ मैं अपने घुटनों पर गिर गया। सबसे पहले मम्मी को फोन किया। फिल्म रिलीज हुई और मुझे बहुत प्यार मिला। इसके बाद तो उनके पास फिल्मों के ऑफर के लाइन लग गए। राजकुमार राव के स्ट्रगल की कहानी काफी लंबी है, जो बयां करती है कि इंसान को खुद पर भरोसा रखते हुए पूरे दिल से मेहनत करनी चाहिए सफलता जरूर मिलती है, क्योंक कहते हैं न कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।