रिकॉर्डिंग के समय चप्पल नहीं पहनती:
लता मंगेशकर के लिए गाना पूजा के समान है। इसलिए वे रिकार्डिंग के समय या रियाज के समय कभी चप्पल नहीं पहनती। उनकी आवाज को लेकर अमरीका के वैज्ञानिकों ने भी कह दिया था कि इतनी सुरीली आवाज न कभी थी और ना ही कभी होगी।
लता मंगेशकर को ना सिर्फ संगीत बल्कि एक और चीज की भी शौकीन हैं। लता मंगेशकर को क्रिकेट देखने का बहुत शौक है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर उने प्रिय खिलाड़ी हैं।
भगवान कृष्ण में अटूट विश्वास:
लता मंगेशकर गीत-संगीत के अलावा धार्मिक प्रवृति की हैं। उन्हें भगवान श्रीकृष्ण पर अमिट विश्वास है। कृष्ण में अपूर्व श्रद्धा रखने वाली लता कागजों पर सबसे पहले अपने आराध्य श्री कृष्ण का नाम लिखती हैं।
लता ने अपना पहला गीत मराठी में सदाशिव राव नार्वेकर के निर्देशन में बनी फिल्म के लिए गाया था। उन्हें ख्याति वर्ष 1948 में रिलीज हुई फिल्म ‘जिद्दी’ के गीत ‘चंदा रे जा रे जा रे’ से मिली। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1949 में आई फिल्म ‘महल’ का गाना गाया। इस गाने के बोल थे, ‘आएगा आएगा आने वाला।’ यह गीत इतना मशहूर हुआ कि आज भी लागे इसे गुनगुनाने को मजबूर हो जाते हैं। लता मंगेशकर भी इस गीत को अपना सर्वश्रेष्ठ गीत मानती हैं।