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मां की मौत के वक्त भी नशे में थे संजय, जब होश आया तो 4 दिन तक रोए, यहां पढ़ें ऐसे कई और किस्से?

संजय दत्त की डेब्यू फिल्म भी नहीं देख पाई उनकी मां नरगिस, उनके नशे की लत को लेेकर थी चिंतित..

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Bhup Singh

May 27, 2018

Sanjay Dutt

Sanjay Dutt

निर्देशक राजकुमार हिरानी की आगामी फिल्म 'संजू' बॉलीवुड के खलनायक कहे जाने वाले अभिनेता संजय दत्त की जीवनी पर आधारित है। इन दिनों संजय दत्त अपनी बायोपिक से कहीं ज्यादा अपनी पर्सनल जिंदगी को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। क्योंकि हिरानी एक के बाद एक पोस्टर जारी कर संजय के अलग-अलग रूपों को दुनिया के सामने लेकर आ रहे हैं। इतना ही नहीं इस फिल्म में हिरानी संजय के जीवन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात का खुलासा करने वाले हैं। जिसमें उनकी ड्रग्स की लत से लेकर उनकी 308 गर्लफ्रेंड्स और उनके परिवार का हर सदस्य का किरदार अब सिल्वर स्क्रीन पर नजर आने वाला है। इस फिल्म की शूटिंग स्क्रिप्ट लिखे जाने के बाद से संजय की पर्सनल लाइफ सुर्खियों में बनी हुई हैं। आइए जानते हैं संजय दत्त की पर्सनल लाइफ से जुड़े कुछ मजेदार किस्से...

छोटी उम्र में ही हो गए थे गलत संगत के शिकार
दरअसल, संजय दत्त के माता-पिता दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री से थे। परिवार के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी और माता-पिता दोनों अपने कॅरियर में बिजी थे, इसी दौरान संजय ने कॉलेज जाना शुरू किया और इसी दौरान वे गलत संगत में पड़ गए और उन्हें गांजा और ड्रग्स की लत लग गई। हालांकि, संजय को पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी फिर भी पिता सुनील दत्त के कहने पर वो कॉलेज जाने लगे।

पिता को नई थी कोई खैर खबर
जब संजय दत्त को गांजे और ड्रग्स की लत लगी तो उनके पिता सुनील दत्त को कोई खैर खबर नहीं थी, लेकिन उनकी मां नरगिस को इसका एहसास उस वक्त हो गया था जब संजय अपने आपको एक कमरे में कैद रखने लग गए थे। नरगिस को पता चलने के बावजूद उन्होंने ये बात सुनील दत्त को नहीं बताई, क्योंकि वह अपने हिसाब से ही बेटे को लाइन पर लाने की सोच रही थी। उन्होंने संजय दत्त को अपने तरीके से समझाना शुरू किया, लेकिन संजय को नशे लत इतनी बुरी लग गई थी कि वो उस समय किसी की भी सुनने को तैयार नहीं था।

पिता ने सोचा काम में बिजी होने से छूट जाएगी लत
संजय के ड्रग्स लेने पता का पड़ने के बाद सुनील ने सोचा कि काम में बिजी होने के बाद यह बुरी लत छूट जाएगी। इसके लिए सुनील ने एक दिन संजय को अपने आॅफिस बुलाया जिससे उनकी पहली डेब्यू फिल्म 'रॉकी' के शूटिंग शेड्यूल पर बात की जा सके। संजय आॅफिस तो पहुंचे, लेकिन उस समय भी उन्होंने ड्रग्स की हाई डोज ले रखी थी। ये पहली बार था जब सुनील ने अपने बेटे को इस हालत में देखा था।

डेब्यू फिल्म नहीं देख पाईं नरगिस
इधर सुनील दत्त अपने बेटे की डेब्यू फिल्म की तैयारी में लगे थे, उधर नरगिस दत्त की तबीयत बिगड़ने लगी। बता दें कि नरगिस कैंसर की बीमारी से पीड़ित थी। बात है 1981 की जब संजय की डेब्यू की फिल्म की रिलीज डेट 8 मई निर्धारित की गई। उस दौरान नरगिस को तबीयत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां एक और सुनील समेत पूरा परिवार नरगिस की वजह से बहुत टेंशन में था, वहीं नरगिस को बेटे के नशे की चिंता खाए जा रही थी। सुनील दत्त ने फिल्मों के प्रीमियर के लिए घर में ही बने थिएटर में 8 मार्च को नरगिस को फिल्म दिखाने की सोची लेकिन फिल्म देखते-देखते अचानक नरगिस की तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें दूसरे कमरे में लाकर सुला दिया गया। वो अपने बेटे की पहली फिल्म भी नहीं देख पाई थीं हालांकि वो खुश काफी थीं। आखिर 3 मई 1981 को नरगिस ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

मां की मौत पर रोने की बजाय संजय मांग रहे थे ड्रग्स
नरगिस की मौत पर रोने की बजाय संजय दत्त ऐसे मौके पर बहन प्रिया दत्त से चरस मांग रहे थे। क्योंकि वे उस समय संजय को नशे की लत इस कदर लग चुकी थी कि उन्हें पता ही नहीं था कि घर में क्या हो रहा है। इसके बाद सुनील दत्त ने विदेशी डॉक्टरों से बात की और इलाज के लिए पहले जर्मनी ले गए फिर अमेरिका। इलाज के बाद संजय को पता चला कि उनकी मां का निधन हो गया है जब जाकर वो खूब रोए। इतने रोए कि चार दिन तक लगातार रोते ही रहे। संजय दत्त की जिंदगी से जुड़े ये किस्से आप यासिर उस्मान की किताब द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड ब्वॉय संजय दत्त में पढ़ सकते हैं।