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#Bakrid यहां मिलते हैं राजस्थानी, तोता परी और बरबरी नस्ल के बकरे

-दिल्ली, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर से आते हैं खरीदार

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बदायूं। बकरीद पर बकरों की कुर्बानी दी जाएगी। हाल यह है कि बाइक से अधिक महंगे बकरे हैं। बकरों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। बकरा बाजार में रौनक है। बकरा मालिक मनचाहे दाम वसूल रहे हैं। बकरीद का त्योहार 12 अगस्त, 2019 को है। इस कारण बकरा बाजार में बूम है।

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कई नस्ल के बकरे मिलते हैं
बदायूं जिले में अलापुर का कंजनपुर डंडाह बकरों की खरीद-फरोख्त के लिए बड़ी मंडी है। यह इतनी प्रसिद्ध है कि दिल्ली, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर तक से लोग बकरों की खरीदारी करने आते हैं। मंडी में देशी नस्ल के अलवा राजस्थानी, बरबरा और तोतापरी बकरे मिलते हैं। बकरा पालने वालों को बकरीद का इंतजार रहता है।

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बकरों की कीमत
बकरीद पर बकरों की कीमत सुनकर आप जरूर चौंक जाएंगे। सर्वाधिक कीमत राजस्थानी बकरे की मिलती है। देशी बकरा सबसे कम दाम में बिकता है, लेकिन कम से कम 10 हजार रुपये तो मिल ही जाते हैं।
राजस्थानी बकराः 60 हजार रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक।
तोतापरी बकराः 40 से 60 हजार रुपये।
बरबरा बकराः 50 से 80 हजार रुपये।
देशी बकराः 10 से 30 हजार रुपये।

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1.10 लाख रुपये में बिका शेरा

नखासा मंडी के मालिक और पूर्व चेयरमैन मोहम्मद अली हमजा ने बताया कि शनिवार को शेरा नामक बकरा 1.10 लाख रुपये में बिका है। उन्होंने बताया कि अलीपुर की मंडी बकरों की खरीद-फरोख्त के लिए प्रसिद्ध है। यहां केवल कुर्बानी करने वाले नहीं, बल्कि व्यापारी भी बकरा खरीदने आते हैं। वे यहां से बकरे ले जाकर अन्य मंडियों में बेचते हैं।

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बकरों का भोजन
बकरीद के लिए बकरों की साल भर सेवा की जाती है। बकरों को दूध, चना, गूलर के पत्ते और कटहल के पत्ते खासतौर पर खाने को दिए जाते हैं। इस सेवा के बदले बकरे अपने मालिक को मोटी रकम दिलाते हैं।

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