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बदायूं जिले में अलापुर का कंजनपुर डंडाह बकरों की खरीद-फरोख्त के लिए बड़ी मंडी है। यह इतनी प्रसिद्ध है कि दिल्ली, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर तक से लोग बकरों की खरीदारी करने आते हैं। मंडी में देशी नस्ल के अलवा राजस्थानी, बरबरा और तोतापरी बकरे मिलते हैं। बकरा पालने वालों को बकरीद का इंतजार रहता है।
बदायूं जिले में अलापुर का कंजनपुर डंडाह बकरों की खरीद-फरोख्त के लिए बड़ी मंडी है। यह इतनी प्रसिद्ध है कि दिल्ली, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर तक से लोग बकरों की खरीदारी करने आते हैं। मंडी में देशी नस्ल के अलवा राजस्थानी, बरबरा और तोतापरी बकरे मिलते हैं। बकरा पालने वालों को बकरीद का इंतजार रहता है।
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बकरीद पर बकरों की कीमत सुनकर आप जरूर चौंक जाएंगे। सर्वाधिक कीमत राजस्थानी बकरे की मिलती है। देशी बकरा सबसे कम दाम में बिकता है, लेकिन कम से कम 10 हजार रुपये तो मिल ही जाते हैं।
राजस्थानी बकराः 60 हजार रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक।
तोतापरी बकराः 40 से 60 हजार रुपये।
बरबरा बकराः 50 से 80 हजार रुपये।
देशी बकराः 10 से 30 हजार रुपये।
बकरीद पर बकरों की कीमत सुनकर आप जरूर चौंक जाएंगे। सर्वाधिक कीमत राजस्थानी बकरे की मिलती है। देशी बकरा सबसे कम दाम में बिकता है, लेकिन कम से कम 10 हजार रुपये तो मिल ही जाते हैं।
राजस्थानी बकराः 60 हजार रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक।
तोतापरी बकराः 40 से 60 हजार रुपये।
बरबरा बकराः 50 से 80 हजार रुपये।
देशी बकराः 10 से 30 हजार रुपये।
ये भी पढ़ें – crime in up शाहजहांपुर में दंपति पर ताबड़तोड़ फायरिंग,पत्नी की मौत 1.10 लाख रुपये में बिका शेरा नखासा मंडी के मालिक और पूर्व चेयरमैन मोहम्मद अली हमजा ने बताया कि शनिवार को शेरा नामक बकरा 1.10 लाख रुपये में बिका है। उन्होंने बताया कि अलीपुर की मंडी बकरों की खरीद-फरोख्त के लिए प्रसिद्ध है। यहां केवल कुर्बानी करने वाले नहीं, बल्कि व्यापारी भी बकरा खरीदने आते हैं। वे यहां से बकरे ले जाकर अन्य मंडियों में बेचते हैं।
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बकरीद के लिए बकरों की साल भर सेवा की जाती है। बकरों को दूध, चना, गूलर के पत्ते और कटहल के पत्ते खासतौर पर खाने को दिए जाते हैं। इस सेवा के बदले बकरे अपने मालिक को मोटी रकम दिलाते हैं।
बकरीद के लिए बकरों की साल भर सेवा की जाती है। बकरों को दूध, चना, गूलर के पत्ते और कटहल के पत्ते खासतौर पर खाने को दिए जाते हैं। इस सेवा के बदले बकरे अपने मालिक को मोटी रकम दिलाते हैं।