
बदायूं: सफाईकर्मियों की भर्ती के नाम पर सरकारी धन की लूट, दो घंटे की बारिश में ही बने नरक जैसे हालात
बदायूं। जिला अस्पताल में सफाई व्यवस्था के लिए जिम्मेदार फर्म द्वारा सफाई कर्मियों के नाम पर घोटाला करने के मामले में सिटी मजिस्ट्रेट बदायूं द्वारा की गयी जांच में फर्म को दोषी पाया गया है। सिटी मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी बदायूं ने फर्म के खिलाफ कार्रवाई और घोटाले की धनराशि की रिकवरी के लिए शासन को पत्र लिखा है। जिला अस्पताल में सफाई घोटाले की खबर मीडिया में आने के बाद जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट को मामले की जांच के आदेश दिए थे।
क्या है मामला
अव्यवस्थाओं के लिए चर्चित बदायूं के जिला अस्पताल में सफाई के लिए जिम्मेदार फर्म के द्वारा सफाई कर्मियों की संख्या के नाम पर घोटाला किया जा रहा था जिसकी खबर पांच मई को प्रकाशित की गयी थी। फर्म के द्वारा 54 कर्मचारियों की जगह केवल 20 कर्मचारियों से काम कराया जा रहा था। खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी बदायूं ने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच के आदेश दिए थे। सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच में फर्म को घोटाले का दोषी पाते हुए रिपोर्ट जिलाधिकारी बदायूं को सौंप दी। जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्यदायी फर्म के खिलाफ कार्रवाई और घोटाला की हुई धनराशि की रिकवरी के लिए शासन को पत्र लिख दिया है।
पानी निकासी भी नहीं हुई व्यवस्था
एक तरफ सफाई व्यवस्था खरबा है वहीं बदायूं में केवल दो घण्टे की बरसात में ही शहर की सड़कें तालाब बन गयीं। शहर के बाबूराम मार्केट, गांधी ग्राऊंड चौराहा समेत अनेक जगहों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे पैदल यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सड़कों पर भरे पानी ने नगरपालिका परिषद बदायूं के दावों की हवा निकाल दी। बदायूं शहर के बहुत से नालों की अभी तक सफाई नहीं हुई है और कुछ नालों की सफाई के नाम पर औपचारिकता पूरी की गयी। नालों की सफाई न होने के कारण ज़रा सी बरसात में सड़कों पर पानी भर जाता है। अभी तो मानसून की शुरुआत है, अगर नगरपालिका में नालों की सफाई के नाम पर ऐसे ही गोलमाल होता रहा तो बदायूं की जनता को बरसात में शहर की सड़कों पर पानी के बीच से ही गुजरना होगा।
Published on:
03 Jul 2018 08:51 pm
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